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Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि, जानें कैसे करें शिव की आराधना,देखें पूजा, मंत्र विधि,शुभ मुहूर्त और आरती

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MahaShivratri, which means ‘Night of Lord Shiva,’ is one of the most celebrated Hindu festivals across the nation. Festivals like this are celebrated according to the Hindu lunar calendar during Phalguna or Maagh (February or March). Thousands of people throng to temples on this auspicious day and pray to please the Lord. Lord Shiva and Goddess Parvati are also assumed to have been married. The day also has many people fasting and sacrificing sweets, flowers, milk, and bael trees in honor of Shiva Linga.

भोलेनाथ के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन किसी बड़े पर्व से कम नहीं है। इस साल महाशिवरात्रि 1 मार्च को है। महाशिवरात्रि के दिन, भक्त पूरे मन से भगवान शिव की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लड़कियां महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का व्रत रखती हैं, उन्हें अच्छा और योग्य वर मिलता है। हालांकि लड़के भी बड़े चाव से शिव की पूजा करते हैं। अगर आप भी महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने की सोच रहे हैं तो जानिए इस दिन क्या पहनना सबसे सही और शुभ माना जाता है।

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि,

पौराणिक ग्रंथों में भगवान शिव के 108 नामों का उल्लेख किया गया है. माना जाता है कि जो भक्त भगवान शिव के इन 108 नामों का नियमित रूप से जाप करता है भगवान शिव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मान्यता है कि इस दिन महादेव का व्रत रखने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के लिंग स्वरूप का पूजन किया जाता है. यह भगवान शिव का प्रतीक है. शिव का अर्थ है- कल्याणकारी और लिंग का अर्थ है सृजन. महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग में चन्दन के लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं.

दीप और कर्पूर जलाएं.

पूजा करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.

शिव को बिल्व पत्र और फूल अर्पित करें.

शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति दें.

होम के बाद किसी भी एक साबुत फल की आहुति दें.

सामान्यतया लोग सूखे नारियल की आहुति देते हैं.

महाशिवरात्रि 2022 मंत्र (Mahashivratri 2022 Mantra) –

शिव गायत्री मंत्र

ओम तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्। “

इसका जाप सुख, समृद्धि आदि की प्राप्ति के लिए करते हैं. –

महामृत्युंजय मंत्र

ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ – शिव आरोग्य मंत्र माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।। ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

उत्तम स्वास्थ्य के लिए इस मंत्र का भी जाप करते हैं.

MahaShivratri 2022: महाशिवरात्रि व्रत के नियम

  • शिवरात्रि के दिन भक्तों को सन्ध्याकाल स्नान करने के पश्चात् ही पूजा करनी चाहिए या मंदिर जाना चाहिए.
  • शिव भगवान की पूजा रात्रि के समय करना चाहिए एवं अगले दिन स्नानादि के पश्चात् अपना व्रत का पारण करना चाहिए.
  • व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए भक्तों को सूर्योदय व चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन करना चाहिए.
  • लेकिन, एक अन्य धारणा के अनुसार, व्रत के समापन का सही समय चतुर्दशी तिथि के पश्चात् का बताया गया है.
  • दोनों ही अवधारणा परस्पर विरोधी हैं. लेकिन, ऐसा माना जाता है की, शिव पूजा और पारण (व्रत का समापन), दोनों ही चतुर्दशी तिथि अस्त होने से पहले करना चाहिए.
  • रात्रि के चारों प्रहर में की जा सकती है शिव पूजा
  • शिवरात्रि पूजा रात्रि के समय एक बार या चार बार की जा सकती है. रात्रि के चार प्रहर होते हैं, और हर प्रहर में शिव पूजा की जा सकती है.

ध्यान रखें ये बातें

महाशिवरात्रि के दिन लड़कियां बेहद शौक से तैयार होना पसंद करती हैं. ऐसे में पूजा करने मंदिर जाते हुए उन्हें कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. 

– माना जाता है कि बहुत ज्यादा मेकअप करके पूजा नहीं करनी चाहिए. आप जितने सादे-भाव से पूजा करते हैं उसे उतना ही अच्छा माना जाता है. 

– नए वस्त्र धारण करने को अनिवार्य नहीं माना जाता लेकिन पूजा के लिए बिना धुले कपड़े पहनकर जाने को गलत कहते हैं. 

– भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे शिवलिंग (Shivalinga) पर चढ़ायी गई सामग्री का सेवन ना करें क्योंकि मान्यताओं के अनुसार इसे अशुभ कहा गया है. 

– जो व्रत रखते हैं उन्हें काले के साथ-साथ डार्क रंग के कपड़े पहनने से भी मना किया जाता है. 

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