दिल्ली से बम की सूचना के बाद भी 400 किमी दौड़ती रही ट्रेन : झांसी में रोककर चला सर्च ऑपरेशन, 1700 यात्रियों की जान जोखिम में

झांसी, 5 जुलाई 2025 – हजरत निजामुद्दीन से दुर्ग जा रही छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12824) में बम की सूचना से हड़कंप मच गया। यह सूचना ट्रेन के चलने के महज 10 मिनट बाद दिल्ली में रेलवे की हेल्पलाइन पर दी गई, लेकिन इसके बावजूद ट्रेन को 400 किलोमीटर तक बिना रोके दौड़ाया गया। आख़िरकार झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया और सघन सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
सूचना के मुताबिक, एक रेल यात्री ने “रेल मदद” हेल्पलाइन पर फोन कर बताया कि ट्रेन के स्लीपर कोच में बम है। इस सूचना के मिलते ही उत्तर प्रदेश जीआरपी हेडक्वार्टर लखनऊ को अलर्ट कर दिया गया, लेकिन ट्रेन को रास्ते के किसी भी स्टेशनों — फरीदाबाद, मथुरा, आगरा, धौलपुर, ग्वालियर — पर नहीं रोका गया।
जब ट्रेन रात 11:31 बजे, अपने निर्धारित समय से 9 मिनट की देरी से झांसी स्टेशन पहुंची, तब तक पूरे स्टेशन को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। प्लेटफॉर्म नंबर 2 को खाली कराया गया और सिटी मजिस्ट्रेट प्रमोद झा, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार, आरपीएफ कमांडेंट विवेकानंद नारायण, स्टेशन डायरेक्टर सीमा तिवारी सहित सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया।
50 मिनट तक चला सर्च ऑपरेशन
सुरक्षा बलों ने ट्रेन के सभी 22 कोच खाली करवाए और यात्रियों को उनके सामान सहित प्लेटफॉर्म पर उतारा गया। इसके बाद डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ते ने गहन तलाशी अभियान चलाया। करीब 50 मिनट तक चले सर्च ऑपरेशन में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, और बम की सूचना अफवाह निकली।
रात 12:24 बजे ट्रेन को आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया।
1700 यात्रियों की जान रही जोखिम में
इस दौरान ट्रेन में सफर कर रहे करीब 1700 यात्रियों की जान खतरे में रही। ट्रेन में कुल 22 कोच थे, जिनमें 6 स्लीपर कोच, 5 थर्ड AC, 1 थर्ड AC इकोनॉमी, 3 सेकेंड व फर्स्ट AC, 5 जनरल/दिव्यांग कोच और एक पेंट्रीकार शामिल थे।
इस घटना ने रेलवे और सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि जब बम की सूचना मिल चुकी थी, तब ट्रेन को बीच रास्ते में क्यों नहीं रोका गया? क्या 400 किलोमीटर तक जान जोखिम में डालना जरूरी था?
अब रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों पर इस मामले की जवाबदेही तय होने की उम्मीद है।