लोफंदी गांव में 7 ग्रामीणों की अचानक मौत से हड़कंप: नदी की मछली खाने या अन्य वजह? प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम और बिसरा जांच के लिए टीम गठित की

बिलासपुर, 8 फरवरी 2025 – जिले के कोनी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लोफंदी में बीते कुछ दिनों में 7 ग्रामीणों की मौत की सूचना से हड़कंप मच गया। प्रशासन ने त्वरित संज्ञान लेते हुए मौके पर जांच टीम भेजी, जिसमें पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, नगर निगम आयुक्त, एसडीएम एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम शामिल थी।


वैवाहिक कार्यक्रम के बाद ग्रामीणों की मौत
प्रारंभिक जांच के अनुसार, गांव में 3 से 6 फरवरी के बीच श्रवण देवांगन के घर वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जिसमें ग्रामीणों को सामूहिक भोज में आमंत्रित किया गया था। पूछताछ में यह भी सामने आया कि कुछ ग्रामीणों ने 6 फरवरी को नदी से मछली पकड़कर सेवन किया था। मृतकों के परिजनों ने बताया कि उन्होंने पेट दर्द, उल्टी, चक्कर आना और सुस्ती जैसी समस्याओं की शिकायत की थी।
7 और 8 फरवरी को 5 लोगों की मौत
रिपोर्ट के अनुसार, 5 फरवरी को देवप्रसाद पटेल और शत्रुहन देवांगन की मौत हुई थी, जिसमें देवप्रसाद पटेल की मृत्यु का कारण सर्पदंश बताया गया। वहीं, 7 और 8 फरवरी को 5 अन्य व्यक्तियों – रामूराम सुनहले, कोमल लहरे, कन्हैया पटेल, बलदेव पटेल एवं कुन्नू देवांगन – की भी मृत्यु हो गई। बलदेव पटेल का निधन श्रीराम केयर हॉस्पिटल में हुआ, जहां मृत्यु प्रमाण पत्र में कार्डियो-रेस्पिरेटरी अरेस्ट को मौत का कारण बताया गया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का स्पष्ट कारण नहीं
प्रशासनिक जांच में पाया गया कि ग्रामीणों ने मृतकों का अंतिम संस्कार बिना प्रशासन को सूचना दिए कर दिया था। हालांकि, रामूराम सुनहले का शव प्रशासन ने बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट में मृत्यु का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। अब विसरा, हिस्टोपैथोलॉजी और ब्लड एनालिसिस रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
गांव में विशेष स्वास्थ्य शिविर जारी
घटना के बाद पूरे गांव में स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग और नगर निगम की टीमों द्वारा डोर-टू-डोर जांच की जा रही है। प्रशासन ने विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों की मेडिकल स्क्रीनिंग शुरू कर दी है ताकि संभावित कारणों का पता लगाया जा सके।
(बिलासपुर जिला प्रशासन)