छत्तीसगढ़ लोकसेवा भर्ती घोटाला: सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति गिरफ्तार, रिश्वत और भाई-भतीजावाद का बड़ा खुलासा

रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोकसेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के निदेशक को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 2021 की पीएससी परीक्षा में 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने और मेरिट सूची में हेरफेर करने के आरोपों के तहत की गई।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2020-22 के दौरान चयनित 171 उम्मीदवारों में कई वरिष्ठ अधिकारियों, राजनेताओं और उनके रिश्तेदारों के नाम शामिल थे। इन उम्मीदवारों को जिला कलेक्टर, डिप्टी एसपी और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया।
मेरिट सूची में रिश्तेदारों को मिली जगह
जांच में खुलासा हुआ है कि तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपने बेटे नितेश को डिप्टी कलेक्टर, भतीजे साहिल को डिप्टी एसपी, और बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी के रूप में नियुक्त करवाया। इसके अलावा, उनके बेटे की पत्नी निशा कोसले और भाई की बहू को भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चुना गया।
वहीं, आयोग के तत्कालीन सचिव जेके ध्रुव ने अपने बेटे सुमित को डिप्टी कलेक्टर बनवाने के लिए भी मेरिट सूची में हेरफेर की।
घोटाले की जांच तेज
सीबीआई ने टामन सिंह सोनवानी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि उन्होंने भाई-भतीजावाद करते हुए अयोग्य उम्मीदवारों को मेरिट सूची में शामिल किया। इसके साथ ही परीक्षा के दौरान बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के सबूत मिले हैं।
चर्चा में क्यों है मामला?
लोकसेवा आयोग भर्ती परीक्षा को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहे थे। मेरिट सूची में शामिल अधिकांश उम्मीदवारों के राजनीतिक और प्रशासनिक संबंध सामने आने के बाद यह मामला तूल पकड़ गया।
अब यह देखना होगा कि सीबीआई की यह कार्रवाई किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या इस घोटाले में अन्य बड़े नाम भी सामने आते हैं।



