छत्तीसगढ़

Usa : अमेरीका में नाचा ने मनाया हरेली तिहार


Usa : नाचा के सदस्यों ने छत्तीसगढिय़ा भाई-बहनों को हरेली तिहार की बधाई दी


Usa : रायपुर । छत्तीसगढ़ के लोक पर्व हरेली का उत्साह और उमंग अब अमेरीका में भी रंग जमाने लगा है।
नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन ने गुरुवार को अमेरिका में हरेली तिहार मनाया। नाचा के सदस्यों ने सात समुंदर पार से अपनी गौरवशाली कृषि संस्कृति को याद किया और छत्तीसगढिय़ा भाई=बहनों को हरेली तिहार की बधाई दी है।


Usa : नाचा के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष गणेश कर ने कहा कि सात समंदर पार आज हम सभी हरेली उत्सव के रंग में रँगे हुए हैं, ताकि आने वाली पीढिय़ां भी प्रकृति के उत्सव के महत्व को समझ सकें। गुड़ का चीला बनाकर पूजा अर्चना करके हमने भी प्रकृति को अभिवादन किया है। हमें छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला=संस्कृति, तीज त्योहारों एवं परंपराओं पर गर्व है।
कर ने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्रथम लोक पर्व हरेली सभी के दिलो में खुशियां और समृद्धि लेकर आता है। किसान जब अच्छी फसल की कामना करते हुए पूजा अर्चना करते हैं, हरियाली की देवी प्रसन्न होती है और समृद्धि की हरी चादर से खेतों को हरा भरा कर देती है। जब किसान खुशहाल और समृद्ध होता है, तो आम लोगों के जीवन मे भी खुशहाली और संपन्नता आती है। त्यौहार वास्तव में हमें जीवन और प्रकृति के गहरे अर्थों को सरलता से समझाते हैं।

Related Articles


Usa : अमेरिका के न्यूयार्क से नाचा की सदस्य विभा साहू ने हरेली तिहार की बधाई देते हुए कहा कि सावन के महीने में खेतों और चारो ओर हरियाली छा जाती है, तब लोगों का उमंग और भी बढ़ जाता है। इसी उमंग और उत्साह को छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार (हरियाली उत्सव) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मवेशियों के लिए विशेष पकवान बनाए जाते हैं। घर के सदस्यों के लिए भी कई तरह के पारंपरिक पकवान बनते हैं। घरों में गुड़ का चीला बनता है। गुड़ का चीला बड़ा ही स्वादिष्ट होता है। यह चावल आटे और गुड़ से बनाया जाता है। छत्तीसगढ़ का गुड़ का चीला, राजस्थान का मालपुआ या अमेरिका का पैन केक इन सबका स्वाद बिल्कुल एक जैसा ही होता है।

उन्होंने कहा कि हरेली में जहां बड़े बुजुर्ग पूजन कर हरियाली का स्वागत कर उत्साहित होते हैं, वहीं बच्चे भी कई तरह के खेल से इस उत्सव में शामिल होते हैं। इस दिन विशेष रूप से बांस से गेड़ी का निर्माण किया जाता है, जिसमें चढक़र बच्चे चलते हैं। बड़ा ही रोचक होता है कि जिस दिन गेड़ी बनाया जाता है, बच्चे उसी दिन बिना किसी विशेष प्रशिक्षण के इसका उपयोग करना सीख जाते हैं। गेड़ी में संतुलन बनाना होवर बोर्ड (स्वयं संतुलन इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर) जैसा ही होता है।

Dispatch
Dispatch Desk1

Show More

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

Back to top button