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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: पूर्व मंत्री कवासी लखमा से पूछताछ के बाद ईडी की टीम कांग्रेस भवन पहुंची, महामंत्री मलकीत सिंह से जांच तेज

रायपुर। शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा से पूछताछ के बाद आज ईडी की टीम राजीव भवन (कांग्रेस भवन) पहुंची। यहां प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह से बंद कमरे में पूछताछ की जा रही है। ईडी की चार सदस्यीय टीम सुरक्षा बल के साथ कांग्रेस भवन पहुंची।

ईडी के राजीव भवन पहुंचने पर कांग्रेस का बयान

कांग्रेस प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी राजीव भवन आए थे। उन्होंने सुकमा जिले के राजीव भवन के निर्माण को लेकर कई जानकारियां मांगीं। ईडी अधिकारियों ने समन जारी कर 27 तारीख तक जवाब मांगा है। हमारे पास सभी दस्तावेज मौजूद हैं, जिन्हें समय पर प्रस्तुत किया जाएगा।

2019 में उजागर हुआ था मामला

ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल (2019-2022) के दौरान लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लिकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची गई। इस घोटाले से छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। अवैध बिक्री को छिपाने के लिए नकली होलोग्राम का इस्तेमाल किया गया, ताकि स्कैनिंग में पकड़ में न आए।

इस होलोग्राम को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (PHSE) को टेंडर दिया गया था। ईडी की जांच में सामने आया कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में संशोधन कर उसे टेंडर दिया गया। इसके बदले में भारी कमीशन लिया गया था।

ईडी की जांच में सामने आए बड़े नाम

ईडी ने जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया, तो उसने कांग्रेस सरकार में CSMCL (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited) के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया।

इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद जांच में और खुलासे हुए। साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया। सूत्रों के मुताबिक, ईडी की जांच में पता चला कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से प्रोसीड ऑफ क्राइम (POC) से हर महीने कमीशन मिलता था।

Manish Tiwari

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