छत्तीसगढ़ जनजातीय उद्यमिता में बना देश का अग्रणी राज्य, दिल्ली में ट्राइबल बिजनेस कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ी स्टार्टअप्स ने बढ़ाया प्रदेश का मान

रायपुर, 12 नवम्बर 2025। नई दिल्ली स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ट्राइबल बिजनेस कॉन्क्लेव-2025 में छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप्स ने अपनी नवाचार क्षमता और जनजातीय परंपराओं से जुड़ी उद्यमिता का शानदार प्रदर्शन किया। इस राष्ट्रीय आयोजन में देशभर के उद्यमियों, नीति-निर्माताओं और निवेशकों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव ने छत्तीसगढ़ पवेलियन का निरीक्षण कर स्टार्टअप्स द्वारा प्रदर्शित उत्पादों की सराहना की। उन्होंने एग्रोफैब कंपनी के प्रतिनिधि करण चंद्राकर से विशेष चर्चा करते हुए उनके नवाचारों को “जनजातीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने वाला उत्कृष्ट मॉडल” बताया।

इस मौके पर छत्तीसगढ़ की निवेश आयुक्त ऋतु सेन ने राज्य सरकार की उद्यमिता और निवेश संवर्धन नीतियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में जनजातीय क्षेत्रों के उद्यमों को वित्तीय सहायता, परामर्श और विपणन सहयोग जैसी विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। उनका कहना था कि सरकार का लक्ष्य है — “स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक उद्यमिता से जोड़कर सतत आजीविका के अवसर सृजित करना।”
कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ के कई स्टार्टअप्स — सिद्धार्थ एग्रोमार्केटिंग प्रा. लि., अंकुरण सीड्स, कोशल, शांति आनंद वेलनेस, बस्तर से बाजार तक, कोईतूर फिश कंपनी, कोया बाजार, एग्रोफैब और हेमल फूड प्रोडक्ट्स प्रा. लि. — ने कृषि, फूड प्रोसेसिंग, जनजातीय हस्तशिल्प और वनोपज आधारित उत्पादों से जुड़े नवाचार प्रस्तुत किए।
यह आयोजन जनजातीय उद्यमियों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं के लिए एक साझा मंच साबित हुआ, जिसने छत्तीसगढ़ की छवि को “समावेशी और समुदाय-केन्द्रित उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले अग्रणी राज्य” के रूप में और मजबूत किया।
इस अवसर पर संजय गजघाटे, संयुक्त संचालक (उद्योग संचालनालय) और अंजली पटेल, महाप्रबंधक (निवेश आयुक्त कार्यालय) भी उपस्थित थीं।



