रायपुर: नान घोटाले में आलोक शुक्ला गिरफ्तार, अनिल टुटेजा की भी जल्द होगी ED रिमांड में गिरफ्तारी

रायपुर, 22 सितंबर 2025। बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले मामले में पूर्व मुख्य सचिव और रिटायर्ड IAS अधिकारी आलोक शुक्ला आज तीसरी बार ईडी की विशेष कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे। अदालत में सरेंडर आवेदन स्वीकार होने के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा की भी जल्द गिरफ्तारी होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को ED रिमांड पर रखा जाएगा। ईडी ने कोर्ट में 28 दिन का रिमांड आवेदन भी दायर किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार इस मामले में पूरी कार्रवाई विधिवत तरीके से की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
बहुचर्चित नान घोटाला केस में डॉ. शुक्ला और अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दोनों अधिकारियों को पहले दो हफ्ते ईडी कस्टडी में रहना होगा, उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में।
अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और ईडी की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के अगले ही दिन, 18 सितंबर को ईडी की टीम ने डॉ. आलोक शुक्ला के भिलाई स्थित घर में दबिश दी थी। इसके बाद शुक्ला ईडी कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे।
भूपेश सरकार में मिली पावरफुल पोस्टिंग
नान घोटाले का खुलासा होने के समय आलोक शुक्ला खाद्य विभाग के सचिव थे। दिसंबर 2018 में उनके खिलाफ EOW ने चार्जशीट दायर की। 2019 में दोनों अफसरों को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली। जमानत मिलने के बाद दोनों अफसरों को भूपेश बघेल सरकार में महत्वपूर्ण पोस्टिंग मिली। इस दौरान आरोप था कि दोनों अफसरों ने EOW की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की।
नान घोटाले की जानकारी
नान घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया, जब ACB/EOW ने नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) के 25 परिसरों पर छापेमारी की। जांच में 3.64 करोड़ रुपए नकद जब्त हुए और चावल व नमक की गुणवत्ता घटिया पाई गई। आरोप था कि राइस मिलों से घटिया चावल लिया गया और करोड़ों रुपए रिश्वत के रूप में ली गई।
शुरुआत में 27 लोग आरोपी थे, बाद में निगम के तत्कालीन अध्यक्ष और MD सहित दो IAS अफसर भी आरोपियों की सूची में शामिल हुए। मामला अदालत में चल रहा है और जांच पूरी विधिवत तरीके से हो रही है।