ओबीसी की वास्तविक स्थिति जानने राज्य सरकार का सबसे बड़ा सर्वे शुरू, 1.25 करोड़ लोगों पर होगा अध्ययन

रायपुर | 30 अक्टूबर 2025
छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की वास्तविक सामाजिक और आर्थिक स्थिति जानने के लिए राज्य सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा डेटा-आधारित सामाजिक अध्ययन शुरू किया है। छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग करीब 1.25 करोड़ ओबीसी नागरिकों पर शोध कर रहा है। इसके लिए आयोग ने एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कराया है, जिसमें जिलों से जुटाए गए सभी आंकड़े अपलोड किए जा रहे हैं।
यह अध्ययन राज्य में ओबीसी समाज की आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार और सामाजिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण करेगा, जिससे भविष्य में नीति निर्माण में ठोस आधार मिल सकेगा।
95 से अधिक जातियों का होगा गहन विश्लेषण
राज्य में लगभग 95-96 ओबीसी जातियां शामिल हैं—जिनमें रंगरेज, भिश्ती, धोबी, नाई, तेली, लोहार, सुनार, बढ़ई, भोई, केंवट, पिंजारा, अहीर और अन्य समुदाय प्रमुख हैं।
आयोग इन समाजों के प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करने के लिए जिला स्तरीय कैंप, वर्कशॉप और संगोष्ठियों का आयोजन कर रहा है।
आयोग के सामने बड़ी चुनौती – मतभेदों के बीच निष्पक्ष अध्ययन
आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती जिलों में बैठकों के दौरान उभरने वाले सामाजिक और राजनीतिक मतभेद हैं। कई बार संगठन आंतरिक मतभेदों के कारण बंट जाते हैं, जिससे वास्तविक मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।
इस स्थिति से निपटने के लिए आयोग लगातार प्रतिभागियों को अध्ययन के निष्पक्ष उद्देश्य की याद दिला रहा है।
पहले भी हुई थी गणना, अब होगा गहन विश्लेषण
पूर्व में कांग्रेस सरकार ने क्वांटीफायेबल डेटा आयोग बनाकर ओबीसी की गणना कराई थी।
अब भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के माध्यम से उसी डेटा पर गहन अध्ययन शुरू कराया है।
इस अध्ययन से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर ओबीसी समाज के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान की नई नीति तैयार की जाएगी।
अध्ययन के प्रमुख बिंदु
- ओबीसी वर्ग की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन
- सरकारी विभागों और सेवाओं में उनकी भागीदारी
- शिक्षा और छात्रवृत्ति योजनाओं से जुड़ाव
- रोजगार और कौशल प्रशिक्षण की वर्तमान स्थिति
- व्यवसाय और स्वरोजगार में वृद्धि के अवसर
अब तक का फील्डवर्क
आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस आर.एस. विश्वकर्मा और सदस्य नीलांबर नायक, बलदाऊ राम साहू, यशवंत सिंह वर्मा, हरिशंकर यादव, शैलेंद्री परगनिया और कृष्णा गुप्ता अब तक मनेंद्रगढ़, कोरबा, चिरमिरी-भरतपुर सहित आधा दर्जन जिलों का दौरा कर चुके हैं।
टीम ने कलेक्टरों और जिला अधिकारियों से चर्चा कर यह जानकारी ली है कि ओबीसी वर्ग को सरकारी योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है, कितनी राशि स्वीकृत और व्यय हुई है, तथा अब तक कितने लोग लाभान्वित हुए हैं।



