अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर बड़ी संगोष्ठी: योग-आयुर्वेद से मिलेगा सम्पूर्ण स्वास्थ्य का मंत्र!

रायपुर। विश्व आयुर्वेद परिषद् एवं छत्तीसगढ़ महिला मंच के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर ‘संपूर्ण स्वास्थ्य : योग एवं आयुर्वेद’ विषय पर एक बौद्धिक संगोष्ठी का आयोजन सरस्वती शिक्षा संस्थान, रोहिणीपुरम् में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों और उपस्थित जनों द्वारा सामूहिक योगाभ्यास से हुई।
इसके पश्चात आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने योग और आयुर्वेद के समन्वय से सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त करने पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि योग और आयुर्वेद दोनों भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां हैं, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित कर व्यक्ति को रोगमुक्त और सशक्त बनाती हैं।
योग शरीर को लचीला, मजबूत और मानसिक रूप से संतुलित करता है, जबकि आयुर्वेद आहार और जीवनशैली पर केंद्रित रहकर शरीर को बीमारियों से बचाता है। दोनों के समन्वय से व्यक्ति दीर्घकालिक और सम्पूर्ण स्वास्थ्य की दिशा में अग्रसर हो सकता है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व सांसद डॉ. भूषणलाल जांगड़े ने की। कार्यक्रम में डॉ. सुनील दास, राकेश दुबे, डॉ. राजेन्द्र अग्रवाल, गिरधारी सागर एवं डॉ. मनोहर लहेजा ने योग और आयुर्वेद के वैज्ञानिक पक्षों की विस्तृत व्याख्या की।
इस अवसर पर शताब्दी पाण्डे, डॉ. लवकेश चंद्रवंशी, डॉ. कुलश्रेष्ठ, डॉ. नरेंद्र मिश्रा, डॉ. दिनेश जैन, डॉ. पतंजलि दीवान, नवीन यदु, प्रिया सिंह, माही बुलानी, पुष्पा देवी सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी वर्ग एवं मातृशक्ति की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का समापन 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाओं और शांति मंत्र के उच्चारण के साथ हुआ।