जीपीएम शिक्षा विभाग में 25 लाख का खरीदी घोटाला: 10 इंटरैक्टिव पैनल के लिए तीन टेंडर, नियमों का उल्लंघन

रायपुर, 17 सितंबर 2025 गौरेला-पेण्ड्रा- मरवाही (जीपीएम) जिले के शिक्षा विभाग में नियमों की अनदेखी कर खरीदी घोटाले का मामला सामने आया है। विभाग ने 10 नग सीपीयू के साथ इंटरैक्टिव पैनल की खरीदी के लिए 25 लाख रुपए का अनुबंध किया, लेकिन प्रक्रिया में कई गंभीर गड़बड़ियां उजागर हुई हैं।
जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग ने जैम पोर्टल के प्रावधानों और खरीदी-बिक्री नियमों का उल्लंघन करते हुए एक ही स्टार्टअप कंपनी (जांजगीर) को ठेका दे दिया। खास बात यह है कि 10 पैनल की खरीदी के लिए तीन अलग-अलग टेंडर जारी किए गए—पहला और दूसरा 10-10 लाख का तथा तीसरा 5 लाख का। यह सब एक ही दिन 4 सितंबर 2025 को हुआ और तीनों ठेके एक ही कंपनी को दे दिए गए।
नियमों के मुताबिक, 25 लाख की खरीदी एक साथ की जानी चाहिए थी और इसके लिए कम से कम तीन कंपनियों से निविदा मंगाकर रिवर्स बीडिंग प्रक्रिया अपनाई जानी थी, लेकिन शिक्षा विभाग ने इससे बचने के लिए ऑर्डर को विभाजित कर दिया।
कैसे हुआ खेल?
- पहले टेंडर में 4 पैनल = ₹9,99,996
- दूसरे टेंडर में 4 पैनल = ₹9,99,996
- तीसरे टेंडर में 2 पैनल = ₹4,99,998
👉 प्रति पैनल कीमत रखी गई ₹2,49,999
बाजार में इसी पैनल की अधिकतम कीमत ₹1.5 लाख तक बताई जा रही है। यानी विभाग ने एक पैनल पर लगभग ₹1 लाख ज्यादा खर्च किया।
क्यों किया गया टेंडर विभाजित?
विशेषज्ञों का मानना है कि टेंडर को तीन भागों में बांटने के पीछे साफ मकसद था—
- रिवर्स बीडिंग और उच्च स्तर की मंजूरी से बचना।
- एक ही सप्लायर को दिए गए बड़े ऑर्डर पर भविष्य में ऑडिट आपत्ति से बचना।
अब मामला पहुंचा लोक शिक्षण संचनालय
इस कथित घोटाले की शिकायत अब लोक शिक्षण संचनालय तक पहुंच गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच होने पर शिक्षा विभाग के कई अधिकारी जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं।
👉 साफ है कि नियमों की “सीमा” से बचते हुए विभाग ने मनमानी खरीदी की, जिससे सरकारी खजाने को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।