Naxal victims : दो साल से एडमिशन के लिए भटक रहे है नक्सल पीड़ित और शहीद परिवार के बच्चो ने रो-रोकर बस्तर कमिश्नर से एडमिशन कराने की लगाई गुहार

naxal victims : नारायणपुर – नारायणपुर जिले के नक्सल पीड़ित और शहीद परिवार के बच्चो ने शुक्रवार को दौरे पर आए बस्तर कमिश्नर के सामने रोते हुए अपनी पढ़ाई को लेकर एडमिशन कराने की गुहार लगाई और कहा कि कोरोना काल के बाद से दो साल होने को है हमारा एडमिशन नहीं होने के चलते हमारी पढ़ाई शुरू ही नही हुई है ।
naxal victims : रोज कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर काट काटकर थक गए है हमारी गुहार सुनने वाला कोई नहीं है इसलिए आपसे गुहार लगा रहे है हमारा भविष्य बर्बाद ना हो इसलिए हमारा एडमिशन करवाकर हमारी पढ़ाई शुरू कराने की कृपा करे । जिस पर बस्तर कमिश्नर ने कलेक्टर को बच्चो का एडमिशन कराकर उनकी पढ़ाई शुरू कराने के निर्देश दिए और बच्चो से कहा की आपकी पढ़ाई बंद नही होगी आपको अच्छी शिक्षा मिलेगी ।
naxal victims : जिसके बाद रोते हुए बच्चो के चेहरे पर मुस्कान लौट आई जैसे मानो बच्चो को कोई बड़ा खजाना मिल गया हो । ज्ञात हो कि नारायणपुर जिले के नक्सल पीड़ित और शहीद परिवार के बच्चो को वर्ष 2017-18 में बाल भविष्य सुरक्षा योजना भाग दो निष्ठा घटक के तहत सहायक आयुक्त आदिवासी विकास नारायणपुर द्वारा राजनादगांव के उत्कृष्ठ विद्यालय सेंटर विसेंट पोलोटी इंटरनेशनल में 33 नक्सल पीड़ित बच्चो को शिक्षा ग्रहण करने के लिए एडमिशन कराया गया जहा उनकी पढ़ाई अच्छी हो रही थी । लेकिन इस वर्ष राजनादगांव के स्कूल प्रबंधन ने बच्चो के एडमिशन नहीं होने की बात कही ।
जिसके बच्चे अपनी शिक्षा को लेकर काफी परेशान हुए । इस मामले पर जब सहायक आयुक्त नारायणपुर संजय चंदेल से मामले पर जानकारी लेनी चाही गई तो उन्होंने कुछ भी कहने मना कर दिया फिर राजनादगांव के सहायक आयुक्त एस.के. वाहने से फोन पर चर्चा के दौरान उन्होंने बताया की योजना के बंद हो जाने के कारण बच्चो का एडमिशन नहीं होने की बात कही । जिसके बाद बच्चो को वापस नारायणपुर भेजा गया !
उक्त खबर मीडिया में प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हलचल में आया और आनन फानन में नक्सल पीड़ित और शहीद परिवार की मीटिंग गराँजी एजुकेशन हब में सहायक आयुक्त ने रखी जहा पर बच्चो का एडमिशन कराने की बात कही । पहली से 8 वी तक के बच्चो का एडमिशन जिले के विभिन्न स्कूलों में करा दिया गया वही 9 से 12 वी के बच्चो का एडमिशन डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में कराने की बात कही जिस पर बच्चो ने कहा की डीएवी स्कूल में शिक्षक की कमी के चलते पढ़ाई नही हो रही है और हमे वहा एडमिशन करवाकर आप हमारी पढ़ाई खराब कराना चाहते है ।
सीबीएससी पेटेंट पर राजनादगांव में हमे शिक्षा दी गई है उसी पेटेंट पर हमे शिक्षा दी जायेगी तभी तो हम पढ़ पाएंगे नही तो हमारी पढ़ाई तो खराब होगी साथ ही हमारा भविष्य भी बर्बाद हो जाएगा । जिसके बाद से बच्चो का एडमिशन नहीं हुआ है बच्चे सहायक आयुक्त के कार्यालय का चक्कर हपत्ते में चार बार लगा रहे है और सहायक आयुक्त उन्हें सिर्फ आश्वासन का झुनझुना पकड़ाते आ रहे है । कल शुक्रवार को डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल के बच्चो ने बस्तर कमिश्नर के काफिले को रोककर अपनी समस्याओं से अवगत कराया उसी दौरान बस्तर कमिश्नर से पत्रकार हेमंत संचेती ने बच्चो की मुलाकात कराई जिसके बाद बच्चो ने अपनी पढ़ाई की समस्या रोते हुए बया किया जिस पर बस्तर कमिश्नर ने कलेक्टर को जल्द इनका एडमिशन कराने के निर्देश दिए और बच्चो से कहा की अपने पढ़ाई को लेकर जिस तरह आप संजीदा दिखाई दे रहे है उसी तरह अच्छे से पढ़कर उच्च पदों पर आसीन होकर देश और राज्य की सेवा कर अपने माता पिता का आप नाम रौशन कर सकते है । जिसके बाद बच्चो के चेहरे पर आई मुस्कान मानो जैसे उन्हें कोई बड़ा खजाना मिल गया हो वैसा नजारा नजर आया ।