Bio Capsule राज्य का सबसे पहला क्रांतिकारी तकनीक, जानिए बायो कैप्सूल को

भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान की नजर अब छत्तीसगढ़ पर
Bio Capsule भाटापारा– बायो कैप्सूल। यह उस जैव उर्वरक तकनीक का नाम है जो परंपरागत खाद की जगह लेने जा रहा है। 10 राज्यों में मिली स्वीकार्यता के बाद भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान की नजर अब छत्तीसगढ़ पर है, जहां इसके विस्तार की अपार संभावना है।
Bio Capsule उर्वरक की तमाम तरह की किस्मों के बीच भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान द्वारा बनाया गया बायो कैप्सूल बहुत जल्द अपने छत्तीसगढ़ के किसानों के बीच पहुंचने जा रहा है। हरी खाद, गोबर खाद और मिट्टी की खाद हमेशा से अपने प्रदेश के किसानों की पसंद रही है लेकिन नए दौर में इन सबके लिए समय, जगह और पूंजी बड़ी समस्या बन रही है। विकल्प के रूप में रासायनिक उर्वरक हैं तो सही लेकिन समय पर उपलब्धता नहीं होने से किसान सही विकल्प की तलाश में हैं। ऐसे में बायो कैप्सूल की मदद से काफी राहत की उम्मीद है।
Bio Capsule भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित बायो कैप्सूल, ट्राइकोडर्मा,स्युडोमोनास और बेसिलस जैसे लाभकारी सूक्ष्म पोषक तत्वों का चुनिंदा संयोजन करता है। मात्र 1 ग्राम वजन वाले एक बायो कैप्सूल की मदद से 100 से 200 लीटर पानी की मात्रा को जैव उर्वरक का रूप दिया जा सकता है। परिवहन और भंडारण में भी यह बेहद आसान है।
नया जैव उर्वरक बायो कैप्सूल का उपयोग केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के किसान कर रहे हैं। इसके साथ उत्तर भारत के दीगर राज्यों के किसान भी रुझान दिखा रहे हैं क्योंकि बेहतर परिणाम देने वाला बायो कैप्सूल परिवहन, भंडारण और उपयोग करने में बेहद आसान है। इसे फसलों के बीच की अवधि में भी सुरक्षित रखा जा सकता है।
बायो कैप्सूल को मसाला फसलों की खेती में सबसे बेहतर परिणाम देने वाला माना गया है। फल और सब्जी की फसलों में भी उपयोग से उत्पादन में वृद्धि ने किसानों को अपनी ओर आकर्षित किया है। भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान ने अपने प्रदर्शन क्षेत्र में सफल परिणाम मिलने के बाद धान की फसलों के लिए भी सही बताया है।
अनुसंधान में बायो कैप्सूल को सूक्ष्म पोषक तत्वों में वृद्धि का मजबूत सहायक माना गया है, तो उच्च पोषक तत्वों को भी बढ़ाने में मददगार माना है। हरित प्रौद्योगिकी से बने यह कैप्सूल पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं। इसके अलावा मिट्टी के सभी महत्वपूर्ण सूक्ष्म जीवों का जीवन काल और आबादी की बढ़ोतरी करने में बायो कैप्सूल सक्षम है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यह कीट रोधी गुण भी मिट्टी को प्रदान करता है।
जैविक कृषि के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी तकनीक है l बायो -कैप्सूल पादप वृद्धि नियामक जीवाणु के भंडारण तथा पौधों में आसान उपलब्धता की सरल एवं विश्वसनीय तकनीक है l इस कैप्सूल में सक्रिय सूक्ष्मजीव होते हैं जो कि पौधों की जड़ की वृद्धि में लाभकारी प्रभाव डालते हैं l
- अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर
बायो कैप्सूल