सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ा एक्शन: स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग सख्त, आवारा कुत्तों पर नोडल सिस्टम लागू

रायपुर, 24 नवंबर 2025।सुप्रीम कोर्ट द्वारा Suo Moto Writ Petition (Civil) No. 05/2025 में दिए गए निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े आदेश जारी किए हैं। आदेशों का उद्देश्य स्कूल परिसरों को आवारा कुत्तों से मुक्त और बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित बनाना है।
स्कूल प्राचार्य होंगे नोडल अधिकारी
नई व्यवस्था के तहत हर स्कूल के प्राचार्य या संस्था प्रमुख को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उनकी प्रमुख जिम्मेदारियां होंगी—
- स्कूल परिसर या आसपास आवारा कुत्ता दिखाई देने पर तुरंत ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत या नगर निगम के डॉग क्रैचर नोडल अधिकारी को सूचना देना।
- स्कूल परिसर में कुत्तों का प्रवेश रोकने के लिए अवरोधक उपाय लागू करना।
- किसी बच्चे को कुत्ते के काटने की घटना पर उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था कराना।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा है कि यह कदम बच्चों के लिए सुरक्षित और भय-मुक्त वातावरण तैयार करने के लिए बेहद जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और पशुधन विकास विभाग के मार्गदर्शन में यह अभियान पूरे प्रदेश में तेज और संवेदनशील तरीके से संचालित किया जाएगा।
जिलों को सख्त पालन के निर्देश
शिक्षा विभाग ने सभी जिला अधिकारियों, बीईओ, बीआरसी, सीआरसी और स्कूल प्रबंधन समितियों को निर्देशित किया है कि—
- नई गाइडलाइन का कठोर अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
- किसी भी स्थिति में बच्चों की सुरक्षा से समझौता न हो।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद अब प्रदेश के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार और भी सतर्क हो गई है और स्कूल स्तर पर जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों बढ़ा दी गई हैं।



