
नई दिल्ली। दीपावली के पांच दिवसीय पर्व का समापन भाई दूज (Bhai Dooj 2025) के साथ होता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे थे, जहां यमुना जी ने उनका तिलक कर स्वागत किया था। तभी से इस दिन भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक तिलक की परंपरा शुरू हुई।
🕓 भाई दूज 2025 तिलक मुहूर्त (Bhai Dooj 2025 Tilak Time)
इस वर्ष भाई दूज का पर्व विशेष शुभ संयोग में मनाया जा रहा है।
तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:13 बजे से 03:28 बजे तक रहेगा।
इस समय बहनें अपने भाई का तिलक कर उनके दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करें।
🧭 तिलक के समय दिशा का ध्यान रखें
- भाई का मुख: उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- बहन का मुख: पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
🙏 भाई दूज के नियम और विधि (Bhai Dooj 2025 Rituals)
- इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर भगवान गणेश और विष्णु जी की पूजा करें।
- भाई के तिलक से पहले कुछ न खाएं।
- भाई के आने पर आटे या गोबर से चौक बनाएं और आसन तैयार करें।
- तिलक थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दीपक, मिठाई, पान, श्रीफल और सुपारी रखें।
- भाई के माथे पर तिलक लगाएं, हाथ में कलावा बांधें और घी के दीपक से आरती उतारें।
- आरती के बाद भाई को मिठाई और घर का बना भोजन कराएं।
- फिर भाई को श्रीफल भेंट करें।
- तिलक के बाद भाई बहन को उपहार दें और उनकी रक्षा का वचन लें।
📜 धार्मिक महत्व
भाई दूज न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि यह यम और यमुना के पवित्र स्नेह की स्मृति को भी जीवंत करता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन यमुना जी के समान सच्चे भाव से तिलक करने वाली बहन के भाई को दीर्घायु और यश की प्राप्ति होती है।