कलेक्टर-डीएफओ कॉन्फ्रेंस: मुख्यमंत्री साय बोले — बांस वन आधारित आजीविका को मिले बढ़ावा, 28 प्रसंस्करण केंद्र होंगे सक्रिय

रायपुर, 13 अक्टूबर 2025।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में आयोजित कलेक्टर एवं डीएफओ कॉन्फ्रेंस में राज्य के बांस वन क्षेत्र और पर्यावरण संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुल 3.71 लाख हेक्टेयर उत्पादक बांस वन क्षेत्र में बाजार में अधिक कीमत देने वाली बांस की प्रजातियों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि ग्रामीणों और जनजातीय परिवारों की आय में वृद्धि हो सके।
उन्होंने कहा कि बांस वन आधारित आजीविका विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए आय का प्रमुख साधन है। इसके लिए राज्य के 28 बांस प्रसंस्करण केंद्रों को पुनः सक्रिय करने और बांस शिल्पकारों को बाजार से जोड़ने में सहयोग देने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनजातीय परिवारों को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जाए।
बैठक में पर्यावरण और वृक्षारोपण से जुड़ी राज्य सरकार की उपलब्धियों की भी समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पिछले दो वर्षों में 6 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। इसके साथ ही माइक्रो अर्बन फॉरेस्ट वृक्षारोपण की भी शुरुआत की गई है, जिससे शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इको-टूरिज्म में आजीविका के बड़े साधन छिपे हैं। राज्य के 240 नैसर्गिक पर्यटन केंद्रों से स्थानीय युवाओं और समुदायों को वर्षभर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
इन केंद्रों से लगभग दो हजार परिवार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
बैठक में वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव विकासशील पाठक सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।