छत्तीसगढ़

Coal block : हसदेव अरण्य क्षेत्र में आवंटित कोल ब्लॉक रद्द करने का संकल्प सर्वसम्मति से पारित


Coal block : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज हसदेव अरण्य क्षेत्र में आबंटित कोल ब्लॉक को रद्द करने का जनता कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक धरमजीत सिंह द्वारा पेश अशासकीय संकल्प मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सहमति के बाद सर्वसम्मति से पारित हुआ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र, मिनीमाता बांगो डैम का जल ग्रहण क्षेत्र है। इससे कृषि क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही कोरबा, जांजगीर के अलावा बिलासपुर एवं रायगढ़ जिले में पानी की आपूर्ति भी होती है।

Coal block : परन्तु यह सही नहीं है, कि इस क्षेत्र में कोयला खनन होने से वनों का विनाश, बांध के जलग्रहण क्षमता पर विपरीत असर एवं मानव हाथी संघर्ष बढ़ेगा।हसदेव अरण्य क्षेत्र में विभिन्न कम्पनियों को भारत सरकार द्वारा आबंटित कोल ब्लाकों में कोयला खनन अनुमति देने के पूर्व नियमानुसार वन संरक्षण अधिनियम 1980 अंतर्गत भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा वन भूमि व्यपवर्तित की जाती है।


Coal block : उन्होने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम, 1980 अंतर्गत भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा खनन गतिविधियों हेतु स्वीकृत क्षेत्र के आसपास वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु भी अधिरोपित शर्तों के अधीन स्वीकृत योजना अनुसार क्षेत्र में वन्य प्राणी संरक्षण कार्य कराया जाता है,जिससे पर्यावरणीय असंतुलन की स्थिति निर्मित न हो।


उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के वनों एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जंगली हाथियों को उपयुक्त प्राकृतिक रहवास उपलब्ध कराने एवं मानव हाथी संघर्ष कम करने तथा बेहतर वन्य प्राणी प्रबंधन के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1995.48 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व के रूप में वर्ष 2021 में अधिसूचित किया गया है।


cm बघेल ने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र लेमरू हाथी रिजर्व अंतर्गत भारत सरकार, कोयला मंत्रालय द्वारा आबंटित कोल ब्लॉक केटे एक्सटेंशन एवं मदनपुर साऊथ समाहित होने के परिपेक्ष्य में छत्तीसगढ़ शासन, खनिज साधन विभाग द्वारा जनवरी 2021 में भारत सरकार, कोयला मंत्रालय को पत्र लेख कर उक्त कोल ब्लॉक में अग्रिम कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया गया है एवं उक्त कोयला ब्लॉकों में खनिपट्टा स्वीकृति की कार्यवाही स्थगित है।हसदेव अरण्य कोल फिल्ड्स क्षेत्रान्तर्गत कुल 22 कोल ब्लॉक्स स्थित हैं जिनमें से 15 कोल ब्लॉक्स कोल माईन्स स्पेशल प्रोविजन एक्ट 2015 तथा 07 कोल ब्लॉक्स एमएमडीआर एक्ट, 1957 के तहत आवंटन के लिए चिन्हांकित है।


उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में ऊर्जा उत्पादन का मुख्य स्रोत थर्मल पावर प्लांट है, जिसके लिए कच्चा माल के रूप में मुख्य सामग्री कोयला है। इसके बावजूद भी जनभावनाओं को देखते हुए हसदेव क्षेत्र में कोयला खदानों के आबंटन/संचालन के संबंध में प्रस्तुत अशासकीय संकल्प का सरकार समर्थन करती है।


इससे पूर्व सदन में विधायक धरमजीत सिंह ने विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कोयला खनन होने से मानव हाथी संघर्ष बढ़ेगा। पर्यावरण को बेहद नुकसान होगा तथा हसदेव क्षेत्र का सुन्दर जंगल उजड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की वन संपदा, खनिज संपदा की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है।

हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन के लिए स्वीकृत खदानों के कारण लाखों वृक्ष कट जाएंगे और यहां का जंगल और उसकी खूबसूरती तबाह हो जाएगी।

Dispatch
Dispatch Desk1

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