Supreme Court ईसाई संस्थानों, पादरियों पर हो रहे हमले याचिका पर 15 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश भर में ईसाई संस्थानों और पादरियों पर हमलों की बढ़ती संख्या का आरोप लगाने वाली याचिका की सुनवाई 15 जुलाई के लिए स्थगित कर दी है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की थी।
Supreme Court दरअसल, देश भर में ईसाई संस्थानों और पुजारियों पर हमलों की बढ़ती संख्या और घृणा अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए दिशानिर्देशों को लागू करने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को ही सुनवाई करना था। लेकिन अब खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई 15 जुलाई के लिए स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ मामले की सुनवाई कर सकती है।
Supreme Court वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने जून में इस मामले को सर्वोच्च अदालत में उठाया था और आरोप लगाया था कि हर महीने देश भर में ईसाई संस्थानों और पादरियों के खिलाफ औसतन 45 से 50 हिंसक हमले होते हैं। गोंजाल्विस ने अदालत को बताया था कि मई में ही ईसाई संस्थानों, पादरियों पर हिंसा और हमले के 57 मामले हुए थे। यह याचिका बंगलुरु डायोसीज के पीटर मचाडो और अन्य द्वारा दायर की गई थी।
Supreme Court याचिका में देश भर के विभिन्न राज्यों में ईसाई समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा और भीड़ के हमलों को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। इसमें घृणा अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शीर्ष अदालत के पहले के दिशानिर्देशों को लागू करने की भी मांग की गई।