मेलबर्न टेस्ट में अंपायरिंग विवाद: यशस्वी जायसवाल को ‘नॉट आउट’ के बावजूद दिया गया आउट, गावस्कर और पठान ने उठाए सवाल, दर्शकों ने लगाए ‘चीटिंग’ के नारे
खेलडेस्क| भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में जारी चौथे टेस्ट मैच के दौरान उस वक्त विवाद हो गया जब सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के साथ बेमाइनी हुई। पैट कमिंस 71वां ओवर डालने आए और उस ओवर की पांचवीं गेंद पर यशस्वी ने पीछे की ओर शॉट खेलने का फैसला किया। गेंद विकेटकीपर एलेक्स कैरी के हाथों में गई और ऑस्ट्रेलिया टीम ने अपील की।
यशस्वी-पंत की शानदार साझेदारी
ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने जीत के लिए 340 रनों का लक्ष्य रखा है। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और टीम ने महज 33 रन के अंदर ही तीन विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद यशस्वी और पंत ने मिलकर पारी को संभाला। हालांकि, भारत को 121 के स्कोर पर चौथा झटका लगा। ट्रेविस हेड ने ऋषभ पंत को मिचेल मार्श के हाथों कैच कराया। वह 104 गेंद में 30 रन बना सके। पंत ने यशस्वी के साथ मिलकर दूसरे सत्र में भारत का कोई विकेट नहीं गिरने दिया था, लेकिन तीसरे सत्र में वह एकाग्रता खो बैठे और बड़े शॉट के चक्कर में विकेट गंवा बैठे। पंत ने यशस्वी के साथ 88 रन की साझेदारी की।
थर्ड अंपायर ने नियम को अनदेखा किया
कमिंस की लेग साइड पर शॉर्ट पिच गेंद को यशस्वी ने फाइन लेग पर खेलने की कोशिश की। वह चूके और गेंद विकेटकीपर कैरी के हाथों में गई। मैदानी अंपायर ने यशस्वी को आउट नहीं दिया जिसके बाद कमिंस ने डीआरएस लेने का फैसला किया। रिप्ले में स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि गेंद यशस्वी के बल्ले का किनारा लेकर गई है या नहीं। इसके बाद स्निको मीटर से जांचा गया, लेकिन स्निको मीटर में कोई हरकत नहीं दिखी। इसके बावजूद थर्ड अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला पलट दिया और यशस्वी को आउट करार दिया। इससे वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए और कमेंट्री बॉक्स में मौजूद दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी सवाल खड़े किए। इस तरह भारत को 140 के स्कोर पर सातवां झटका लगा। यशस्वी 84 रन बनाकर आउट हुए।
क्या कहता है नियम?
नियम के अनुसार, ऐसे मामलों में थर्ड अंपायर स्निको मीटर को चेक करता है और उसमें हरकत होने पर बल्लेबाज को आउट दिया जाता है। लेकिन यशस्वी के मामले में स्निको मीटर को ही नजरअंदाज कर दिया गया। रिप्ले में जब कुछ स्पष्ट नहीं था तो यशस्वी पर फैसला स्निको मीटर की हरकत के आधार पर दिया जाना चाहिए था। यशस्वी जब शॉट खेल रहे थे, उस वक्त स्निको मीटर में कोई हरकत नहीं दिखी, जिसका स्पष्ट मतलब है कि गेंद यशस्वी के बल्ले का किनारा लेकर कैरी के हाथों में नहीं गई थी। इसके बावजूद थर्ड अंपायर बांग्लादेश के शरफुदौला ने यशस्वी को आउट करार दिया। यशस्वी भी इस फैसले से खुश नहीं थे और उन्होंने मैदानी अंपायर के साथ इसकी चर्चा की, लेकिन उनके पास पवेलियन लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
गावस्कर-पठान ने उठाए सवाल
जब थर्ड अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला पलटा तो कमेंट्री कर रहे गावस्कर और इरफान पठान हैरन रह गए और उन्होंने ऑन एयर इस फैसले पर सवाल खड़े किए। गावस्कर ने भी स्निको मीटर का हवाला दिया और कहा कि अगर स्निको मीटर में हरकत नहीं दिखती है तो यह इस बात का सबूत है कि गेंद ने बल्ले का किनारा नहीं लिया है। वहीं, इरफान भी गावस्कर की बात से सहमत दिखे।
दर्शकों ने लगाए ‘चीटिंग-चीटिंग’ के नारे
एमसीजी में मौजूदा 30000 से ज्यादा दर्शकों भी अंपायर के इस फैसले से हैरान थे। भारतीय प्रशंसक इससे काफी निराश हुए और उन्होंने चीटिंग-चीटिंग के नारे लगाने शुरू कर दिए। दर्शक यशस्वी के आउट होने के काफी देर तक नारे लगाते रहे और इस बात का अहसास कराते रहे कि किस तरह यशस्वी के साथ बेइमानी की गई है।
राहुल के मामले में स्निको मीटर का लिया था सहारा
यशस्वी के लिए जिस स्निको मीटर को दरकिनार किया गया, उसी को केएल राहुल के मामले में पैमाना बनाया गया था। दरअसल, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में पर्थ में राहुल को स्निको मीटर का सहारा लेकर ही आउट करार दिया गया था। उस मैच में गेंद राहुल के पैड से होते ही फील्डर के हाथों में गई थी, लेकिन स्निको मीटर में हरकत देखी गई थी जिस कारण राहुल को आउट दिया गया, लेकिन यशस्वी के मामले ठीक इसके उलट हुआ।