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Rajnandgaon GST Raid: ₹64 Cr Base Oil Sold as Diesel | राजनांदगांव में ₹64 करोड़ का डीजल घोटाला, बेस ऑयल को ट्रकों में बेचा गया डीजल बनाकर | छत्तीसगढ़ में जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई

राजनांदगांव/रायपुर, 25 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ के राज्य कर विभाग (जीएसटी) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। विभाग की बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट ने राजनांदगांव स्थित फेन्नी इंटरप्राइजेज नामक फर्म पर छापा मारा, जो गुजरात से बेस ऑयल मंगाकर उसे डीजल के रूप में ट्रकों को सस्ते दामों में बेच रही थी। यह कार्रवाई राज्य कर आयुक्त पुष्पेन्द्र मीणा के निर्देशन में की गई।

तीन साल में 64 करोड़ का अवैध कारोबार

जांच में सामने आया कि फर्म ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में करीब 64 करोड़ रुपए मूल्य का बेस ऑयल खरीदा। इसमें से 19.1 करोड़ का माल महाराष्ट्र भेजा गया जबकि 45.48 करोड़ का बेस ऑयल छत्तीसगढ़ में खपाया गया। यह बेस ऑयल ट्रांसपोर्ट वाहनों में डीजल के रूप में उपयोग किया गया, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।

सस्ते डीजल की आड़ में बड़ा फर्जीवाड़ा

राजस्व अधिकारियों के मुताबिक, बेस ऑयल पर केवल 9% राज्य जीएसटी लगता है, जबकि डीजल पर 23% वैट लागू होता है। ऐसे में टैक्स चोरी का यह सीधा मामला बनता है। बाजार में पेट्रोलियम कंपनियों का डीजल जहां 95 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है, वहीं यह फर्म बेस ऑयल को 70 रुपए प्रति लीटर में डीजल बताकर बेच रही थी।

बंद ढाबा बना अवैध डीजल बिक्री का केंद्र

अधिकारियों को जांच में यह भी पता चला कि इलाके में एक बंद ढाबा, जो ट्रक ड्राइवरों के बीच “सस्ते डीजल पॉइंट” के रूप में चर्चित था, इस अवैध व्यापार का गढ़ बना हुआ था। ढाबे को किराए पर लेकर उसमें चार कमरों में 4000-4500 लीटर की 9 बड़ी टंकियां लगाई गई थीं, जिनकी कुल क्षमता लगभग 40,000 लीटर थी। टंकियों में पंप और मीटर लगाकर फर्म डीजल की तरह बेस ऑयल बेच रही थी।

ओडिशा से पकड़ाए ट्रक से खुला राज

इस पूरे रैकेट का खुलासा तब हुआ जब ओडिशा से बेस ऑयल लाने वाला एक ट्रक पकड़ा गया। पूछताछ और दस्तावेजों की जांच के बाद विभाग को पूरे नेटवर्क का सुराग मिला। बताया जा रहा है कि फेन्नी इंटरप्राइजेज का मालिक गुजरात निवासी है और पूरा कारोबार वहीं से संचालित हो रहा था।

पर्यावरण और इंजन को भी नुकसान

विशेषज्ञों के अनुसार, बेस ऑयल केवल औद्योगिक कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका दहन वाहनों के इंजन को नुकसान पहुंचाता है और पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है। जीएसटी विभाग ने इस मामले में परफॉर्मेंस रिपोर्ट और विस्तृत तकनीकी विश्लेषण पेश करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

राज्य कर विभाग अब पूरे नेटवर्क की छानबीन कर रहा है और इस रैकेट से जुड़े अन्य व्यक्तियों और फर्मों की जांच भी शुरू कर दी गई है।

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Manish Tiwari

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