प्रधानमंत्री मोदी ने नवा रायपुर में किया ‘शांति शिखर – ब्रह्मकुमारीज मेडिटेशन सेंटर’ का उद्घाटन, कहा – “आचरण ही सबसे बड़ा धर्म, तप और ज्ञान है”

रायपुर, 01 नवंबर 2025 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नवा रायपुर में ब्रह्मकुमारीज संगठन के “शांति शिखर – अकैडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड” का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की भी शुभकामनाएं दीं और कहा कि “राज्य के विकास से देश का विकास होता है, यही विकसित भारत का मंत्र है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रह्मकुमारीज जैसी संस्थाएं राष्ट्र निर्माण की दिशा में आध्यात्मिक शक्ति के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं अतिथि नहीं, आप ही का हूं। कई दशकों से इस आध्यात्मिक आंदोलन से जुड़ा हूं। यहां शब्द कम और सेवा ज्यादा है।”
मोदी ने ब्रह्मकुमारीज संगठन की वरिष्ठ सदस्यों – जानकी दादी और राजयोगिनी दादी हृदय मोहिनी जी – को श्रद्धापूर्वक याद करते हुए कहा कि “शांति शिखर उनकी संकल्पना का साकार रूप है। आने वाले समय में यह संस्थान विश्व शांति का प्रमुख केंद्र बनेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति में विश्व शांति का भाव सदैव अंतर्निहित रहा है। उन्होंने कहा, “हम वो हैं जो जीव में शिव को देखते हैं, स्व का विस्तार सर्वस्व तक करते हैं। हमारे हर धार्मिक अनुष्ठान का उद्घोष होता है – ‘विश्व का कल्याण हो’।”
उन्होंने ब्रह्मकुमारीज के ‘ॐ शांति’ संदेश की व्याख्या करते हुए कहा, “ॐ अर्थात् ब्रह्म और सम्पूर्ण ब्रह्मांड, शांति अर्थात् शांति की कामना। यही ब्रह्मकुमारीज की शक्ति है जो हर व्यक्ति के अंतर्मन को स्पर्श करती है।”
मोदी ने अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण, आत्मसंयम और वैश्विक शांति के भारतीय दृष्टिकोण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत आज One Earth, One Family, One Future के विज़न के साथ आगे बढ़ रहा है। मिशन LiFE जैसी पहलें दुनिया को स्थायी भविष्य की राह दिखा रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि ब्रह्मकुमारीज की उपस्थिति वैश्विक स्तर पर व्यापक है — “दुनिया का शायद ही कोई देश होगा, जहां एयरपोर्ट या कार्यक्रम स्थल पर ब्रह्मकुमारीज परिवार के लोग मुझसे न मिले हों। यह संगठन की शक्ति का प्रमाण है।”
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, राजयोगिनी बहन जयंती, राजयोगी मृत्युंजय सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, “शांति शिखर जैसे संस्थान भारत की इस यात्रा को नई ऊर्जा देंगे। आपके संकल्प अवश्य पूर्ण होंगे। ॐ शांति!”



