छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट पर सियासी संग्राम: 35 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, BJP ने बताया विकास की जरूरत

रायपुर, 16 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में उस वक्त तीखी बहस देखने को मिली, जब वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 35 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष समाप्त होने से महज तीन महीने पहले लाए गए इस बड़े बजट को लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने अनुपूरक बजट को विजनविहीन बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार कर्ज में डूबता जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि वित्तीय वर्ष के आखिरी दौर में इतने बड़े बजट की जरूरत क्यों पड़ी। उनका कहना था कि बजट में न तो रोजगार सृजन की ठोस योजना है और न ही अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का कोई प्रावधान।
महिला कल्याण योजनाओं पर सरकार को घेरते हुए राघवेंद्र सिंह ने कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत दी जा रही राशि बिजली बिलों में ही निकल जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार काम से ज्यादा इवेंट मैनेजमेंट पर फोकस कर रही है और विकास के ठोस लक्ष्य नजर नहीं आ रहे।
वहीं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट है। उन्होंने कहा कि रोजगार मूलक उद्योगों को बढ़ावा देना समय की जरूरत है और कृषि आज भी सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है।
अजय चंद्राकर ने महिला स्व-सहायता समूहों और कुटीर उद्योगों को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। उन्होंने एससी-एसटी वर्ग के हितों को लेकर सरकार की नीतियों को भी सराहा।
अनुपूरक बजट को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच हुई इस बहस ने यह साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में विधानसभा में बजट और विकास को लेकर सियासी तापमान और बढ़ने वाला है।



