
Democracy : सांसदों की जबान को नियंत्रित करने की कोशिशे लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण – रघु
Democracy: रायपुर . जाने माने समाजवादी चिन्तक एवं लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संस्थापक रघु ठाकुर ने सांसदों के शब्दों को नियंत्रित करने तथा संसद परिसर में धरना एवं प्रदर्शन पर रोक लगाने की खबरों को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र में कतई उचित नही है।
Democracy : ठाकुर ने आज यहां समाजवादी नेता स्वं मधु लिमये जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि संसद में शब्दों को असंसदीय बताकर सांसदों की जबान को नियंत्रित करने की कोशिश हो रही है।क्या जिन शब्दों को असंसदीय बताकर रोकने की कोशिश हो रही है,इसकी जगह पर क्या संसद में दूसरे शब्द ईजाद किए गए है।उन्होने सासंदों के संसद परिसर में धऱना देने और प्रदर्शन करने पर रोक को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि वह लोकतंत्र को कमजोर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
Democracy : उन्होने स्वं मधु लिमये एवं स्वं राम मनोहर लोहिया के याद करते हुए कहा कि इन नेताओं ने कभी भी संसद का बहिष्कार नही किया,और जिन मुद्दों को उठाया उसके लिए आखिरी क्षण तक लड़े।पर आज की स्थिति है कि सदन का बहिष्कार आम हो चुका है।कई बार इसे लेकर पक्ष एवं विपक्ष में गुपचुप सहमति भी होती है।उन्होने कहा कि संसद का एक दिन चलाने में कई करोड़ रूपए आम जनता का गाढ़ी कमाई के टैक्स का व्यय होता है,क्या संसद में मौजूद रहकर सत्ता पक्ष को मुद्दों पर विपक्ष घेरने और उसे जवाब देने पर मजबूर नही कर सकता।
Democracy : ठाकुर ने कहा कि संसद में 400 सदस्य अगर अरबपति चुनकर जा रहे है तो क्या उनसे उम्मीद की जा सकती है कि वह गांव गरीब और किसान के मुद्दों पर संसद में बात रखेंगे।उन्होने कहा कि आमतौर पर राजनेता के भ्रष्ट होने की बाते होती है लेकिन उनका मानना है कि जितना भ्रष्ट राजनेता है उससे भी अधिक भ्रष्ट मतदाता हो गया है।उन्होने कहा कि शराब,पैसा और दूसरे उपहार चुनाव में हासिल कर वोट देने वाला मतदाता यह कैसे उम्मीद करता है कि उसे देने वाला चुने जाने पर ईमानदारी से काम करेंगा।
Democracy : उन्होने चार बार सांसद रहे लिमये जी के जीवन से जुड़े तमाम घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक दौर था कि असम में चल रहे आन्दोलन में यह कहते हुए शामिल होने और समर्थन देने से मना कर दिया कि वह किसी प्रदेश नही बल्कि देश को बचाने के आन्दोलन में ही शामिल होंगे। जबकि आज क्षेत्रीयता के नाम पर बोलियों को भाषा का रूप देने की कोशिश लगातार हो रही है।श्री ठाकुर ने जातीय जनगणना की वकालत करते हुए कहा कि चुनाव में टिकट वितरण ले लेकर शादी विवाह हर जगह जाति आधार है तो फिर जनगणऩा से परहेज क्यों।इसमें किसी को परेशानी नही होनी चाहिए।कार्यक्रम में समाजवादी चिन्तक एवं पूर्व विधायक प्रदीप चौबे सहित कई अन्य लोगो ने भी सम्बोधित किया।