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राजतरंगिणी के ऐतिहासिक पात्रों पर रचे जाएंगे किशोरों के लिए उपन्यास : श्रीनगर में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की विशेष कार्यशाला में छत्तीसगढ़ समेत देश के दिग्गज साहित्यकारों ने की हिस्सेदारी

श्रीनगर, 3 अगस्त 2025। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत (National Book Trust, India) द्वारा चिनार पुस्तक महोत्सव के अवसर पर श्रीनगर में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य किशोर पाठकों के लिए ‘कल्हण’ कृत ‘राजतरंगिणी’ के ऐतिहासिक पात्रों पर आधारित उपन्यासों की रचना करना था। देशभर से चयनित प्रतिष्ठित रचनाकारों ने इस कार्यशाला में भाग लिया और अपने-अपने किरदारों पर आधारित अंशपाठ कर रचनात्मक संवाद में भागीदारी की।

इस रचनात्मक पहल में छत्तीसगढ़ से डॉ. संजय अलंग, हिमाचल प्रदेश से डॉ. गंगाराम राजी, उत्तर प्रदेश से चंद्रकांता एवं सुभाष चंदर, दिल्ली से डॉ. सुनीता और डॉ. मलिक राजकुमार, राजस्थान से डॉ. राजेश कुमार व्यास एवं प्रो. रूपा सिंह ने प्रमुख रूप से सहभागिता की। सभी साहित्यकारों ने राजतरंगिणी के ऐतिहासिक पात्रों पर आधारित अपने ड्राफ्ट अंशों का पाठ किया और गहन विचार-विमर्श के साथ रचनाओं का परिमार्जन भी किया।

कार्यशाला का उद्घाटन न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उल्लेख करते हुए राजतरंगिणी केंद्रित उपन्यास लेखन पर महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए। उन्होंने कहा कि “भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से आने वाली पीढ़ी सहज और रोचक तरीक़े से अवगत हो सके, यही इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य है। यह प्रयास भारत की बहुलतावादी संस्कृति के संरक्षण में एक महती भूमिका निभाएगा।”

कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के मुख्य संपादक एवं संयुक्त निदेशक कुमार विक्रम ने लेखकों को संबोधित करते हुए कहा कि “किरदारों के माध्यम से पाठकों से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए लेखन में भाषा, शिल्प और शैली पर विशेष ध्यान दिया जाए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्यशाला के अंतर्गत तैयार होने वाले ड्राफ्ट उपन्यासों पर प्रकाशन से पूर्व विषय विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर अंतिम रूप दिया जाएगा।

कार्यशाला के प्रारंभ में न्यास के संपादक डॉ. ललित किशोर मंडोरा ने सभी रचनाकारों का परिचय कराते हुए उनके साहित्यिक योगदानों पर प्रकाश डाला और इस परियोजना की महत्ता को रेखांकित किया।

उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला में प्रस्तुत किए गए उपन्यास ड्राफ्ट किशोर पाठकों के लिए इतिहास को सहज, सुगम और प्रेरणादायी बनाने की दिशा में एक अभिनव पहल है, जो आने वाले समय में साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत में एक मिसाल बनेगी।


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Manish Tiwari

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