साहिबगंज में गंगा का रौद्र अवतार, डूबे दर्जनों गांव, चूड़ा-गुड़ तक का बंटवारा नहीं
साहिबगंज: साहिबगंज जिले में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से भयानक बाढ़ आ गई है, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और लोग परेशान हैं। बाढ़ के कारण कई घर नदी में बह गए हैं, कई मवेशियों की मौत हो गई है और लोग भोजन, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रभावित लोग लगभग एक महीने से बाढ़ का सामना कर रहे हैं और उन्हें प्रशासन या जनप्रतिनिधियों से कोई मदद नहीं मिली है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
साहिबगंज के आसपास के इलाकों में गंगा नदी का जलस्तर कई दिनों से लगातार बढ़ रहा है, जिससे जिले के कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। नदी का तेज बहाव और कटाव इतना भीषण है कि कई परिवारों के घर नदी में समा गए हैं। कई मवेशी भी तेज धारा में बह गए हैं। हालात की गंभीरता के बावजूद, बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है।
जिला परिषद ने किया प्रभावित इलाके दौराजिला परिषद उपाध्यक्ष सुनील यादव लगातार तीसरे दिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी परेशानियां सुन रहे हैं। उन्होंने कारगिल दियारा, लाल बथानी, किशन प्रसाद जैसे कई प्रभावित गांवों का दौरा किया और वहां के लोगों से बातचीत की।
बाढ़ प्रभावित लोगों ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी परेशानी मवेशियों के लिए चारा का इंतजाम न हो पाना है। उनके पास मवेशियों को खिलाने के लिए चारा नहीं बचा है और प्रशासन की ओर से भी अब तक उन्हें चारा मुहैया नहीं कराया गया है। इससे उनके मवेशियों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।
गांवों में कई दिनों से बिजली गायब है, केरोसिन तेल नहीं मिल रहा है, जिससे लोगों को रात के अंधेरे में रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। बिजली न होने से उन्हें और उनके मवेशियों को भी खतरा है। उन्होंने बताया कि रात के अंधेरे में उनके कुछ मवेशियों को सांप ने काट लिया, जिससे उनकी मौत हो गई।