राष्ट्रीय
Trending

संपादकीय : पीएम के संबोधन का संदेश, संकल्प जमीन पर उतरे तो देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से मजबूती आने की उम्मीद

नई दिल्ली, 16 अगस्त 2024

अठहत्तरवें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ कुछ भावी चुनौतियों पर बात की और यह संदेश देने की कोशिश की कि राष्ट्रीय सामूहिकता की भावना साथ हो तो किसी भी बाधा को आसानी से पार किया जा सकता है। हालांकि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषणों में आमतौर पर वे व्यापकता के साथ मुद्दों पर बात करते रहे हैं और इस बार का वक्तव्य भी इसकी कड़ी ही रही। इस बार भी उन्होंने वे तमाम मुद्दे उठाए, जिनसे आम जनता खुद को प्रभावित या जुड़ी हुई महसूस करती है।

Related Articles

मसलन, किसानों, सैनिकों और युवाओं को सलाम करते हुए उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा भी मुखरता के साथ उठाया। साफ लहजे में जिस तरह उन्होंने राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए, वह केंद्र से लेकर राज्य तक सभी सरकारों की इच्छाशक्ति का मामला होना चाहिए।

यह छिपा नहीं है कि सख्त कानूनी प्रावधान होने के बावजूद कई बार अपराधियों के भीतर उसका डर नहीं होता, क्योंकि वे इसे लेकर आश्वस्त रहते हैं कि अगर कभी वे गिरफ्त में आए तो भी बच निकलेंगे। इसलिए अगर प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों के मन में डर बिठाना जरूरी है, तो इसका आशय समझा जा सकता है। व्यापक जन जीवन से जुड़ी चिंताओं को रेखांकित करते हुए वे निश्चित रूप से जोखिम के बीच में जीवन गुजारने वाली महिलाओं और अन्य वर्गों के हित की बात कर रहे थे, मगर इससे आगे उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का अपनी सरकार का संकल्प जाहिर किया।

इसके तहत उन्होंने प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने में कामयाबी मिलने, निर्यात में बढ़ोतरी, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के बीच भारत के लिए भरोसे में मजबूती और युवाओं में बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर मिलने की बात कही। जाहिर है, अगर वास्तव में ये संकल्प जमीन पर उतरे तो देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से मजबूती आने की उम्मीद की जा सकती है।यह छिपा नहीं है कि हर वर्ष भारी संख्या में युवा चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने दूसरे देशों में जाते रहे हैं। इसका मुख्य कारण यहां दाखिले के लिए जगहों का अभाव रहा है। अब प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्ष में चिकित्सा क्षेत्र में पचहत्तर हजार नई सीटें सृजित करने की घोषणा की है। अगर यह घोषणा अमल में आती है तो पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले विद्यार्थियों के लिए भारत में कितने अवसर बनेंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने किसानों को नई तकनीक से जोड़ने, प्राकृतिक खेती के लिए बजट बढ़ाने और रक्षा सामग्रियों के निर्माण में देश की धमक बढ़ने को लेकर जो बातें कीं, वे मौजूदा सरकार की दृष्टि को रेखांकित करती हैं।

वहीं उन्होंने पड़ोसी देश बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और हिंसा में सामुदायिक पहचान के आधार पर निशाना बनाए जाने का सवाल उठाया। साथ ही भेदभाव करने वाले कानूनों की जगह उन्होंने ‘धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता’ के अलावा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को वक्त की जरूरत बताया। जाहिर है, स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को संबोधित करने के मौके पर अपनी सरकार की उपलब्धियां दर्ज करने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पार्टी की विचारधारा को भी ज्यादा स्पष्ट करने की कोशिश की है। अब यह देखने की बात होगी कि आने वाले वक्त में वे किन चुनौतियों से जूझने को प्राथमिकता देते हैं।

Manish Tiwari

Show More

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

Back to top button