MP ब्रेकिंग : बिना कोर्ट की अनुमति के डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जा सकते, हाईकोर्ट ने तत्काल हड़ताल खत्म करने के दिए निर्देश
जबलपुर/एमपी।: कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और हत्या के मामले को लेकर मध्य प्रदेश में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल तत्काल खत्म होगी। डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर दायर की गई याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस पर हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के एसोसिएशन को हड़ताल तत्काल खत्म करने के निर्देश दिए हैं साथ ही कहा है कि डॉक्टरों की जो भी समस्याएं हैं उन्हें हाईकोर्ट सुनेगा लेकिन पहले हड़ताल खत्म की जाए।
सुनवाई के दौरान डाक्टर्स एसोसिएशन की तरफ से विभिन्न मुद्दों पर सरकार से बातचीत करने को कहा गया लेकिन हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि आपके मुद्दों पर चर्चाएं बाद में भी हो सकती हैं लेकिन फिलहाल डॉक्टरों की हड़ताल पहले खत्म की जाए। हाई कोर्ट ने डॉक्टरों की शिकायतों को सुनने के लिए 20 अगस्त की तारीख नियत की है। 20 अगस्त को डॉक्टर अपने मुद्दों को लेकर हाईकोर्ट के सामने आएंगे जिस पर सुनवाई की जाएगी।
बिना कोर्ट की अनुमति के डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जा सकते
गौरतलब है कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हुई घटना को लेकर प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर पिछले 24 घंटे से हड़ताल पर हैं जिसकी वजह से सभी अस्पतालों में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इस मुद्दे को लेकर नरसिंहपुर निवासी अंशुल तिवारी की ओर से हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। जिसमें कहा गया कि डॉक्टरों की हड़ताल पूरी तरह से असंवैधानिक है क्योंकि हाईकोर्ट के पूर्व में दिए गए निर्देशों के मुताबिक बिना कोर्ट की अनुमति के डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जा सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी डॉक्टरों ने हड़ताल की है जिसकी वजह से अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था में बेपटरी हो चुकी है।
पहले हड़ताल खत्म करें उसके बाद मुद्दों पर चर्चा होगी
इस मुद्दे पर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और डॉक्टर्स एसोसिएशन को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा था। आज सुनवाई के दौरान डॉक्टरों ने अपने मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए लेकिन हाई कोर्ट ने साफ कहा कि पहले हड़ताल खत्म करें उसके बाद मुद्दों पर चर्चा होगी। सनी के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा है कि आंदोलन किसी समस्या का समाधान नहीं है। डॉक्टरों को यदि लगता है कि उनकी समस्याओं का हल निकले तो इसके लिए वे अपने मुद्दों को लेकर कोर्ट के सामने आएं। सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस की युगल पीठ ने हेल्थ केयर वर्कर्स की सुरक्षा को बेहद अहम माना और इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने के भी निर्देश जारी किए हैं।