
कोरबा, 27 जून 2025 — कटघोरा ब्लॉक के डिंडोलभाटा गांव में शुक्रवार तड़के बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां स्थित छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल (CSEB) का राखड़ बांध अलसुबह तेज बारिश के चलते टूट गया, जिससे बड़ी मात्रा में राखड़ गांव की ओर बह गई। स्थिति बिगड़ती देख ग्रामीणों ने घर छोड़कर जान बचाई।
गनीमत रही कि घटना में अब तक किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है। हालांकि, गांव में चारों तरफ राख फैल चुकी है, जिससे भारी गंदगी और स्वास्थ्य संकट की आशंका जताई जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार बांध की स्थिति को लेकर बिजली मंडल प्रबंधन को चेताया गया था, लेकिन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। अब जब बारिश ने बांध की पोल खोल दी, तो प्रबंधन की लापरवाही उजागर हो गई है। इसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और गांव को एहतियातन खाली कराया जा रहा है। राहत और बचाव कार्य जारी है।
प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और प्रभावितों के लिए अस्थाई शिविर बनाने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।
👉 प्रशासन ने की पुष्टि: अधिकारियों ने बताया कि “अभी तक किसी भी जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन हालात पर नज़र रखी जा रही है। बारिश थमने तक सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।”
📌 क्या है राखड़ बांध?
CSEB की थर्मल पावर यूनिटों से निकलने वाली फ्लाई ऐश (राखड़) को संग्रहित करने के लिए बनाए गए बांधों को राखड़ बांध कहा जाता है। इन बांधों की स्थिति मजबूत न हो तो भारी बारिश में रिसाव या टूटने की घटनाएं हो सकती हैं, जिससे पर्यावरणीय और जनहानि का खतरा उत्पन्न होता है।
🛑 बड़ा सवाल:
क्या CSEB प्रबंधन ने पहले से चेतावनी के संकेतों को नजरअंदाज किया? ग्रामीणों की चेतावनियों को अगर समय रहते सुना गया होता, तो शायद आज यह स्थिति नहीं आती।