खारून गंगा महा आरती पर मचा घमासान: समिति ने प्रेस वार्ता कर दी सफाई, बोले- 1000 से ज्यादा सनातनी कर रहे हैं आयोजन, विरोध करने वालों से की आरती में शामिल होने की अपील, बोले- परंपरा नहीं टूटेगी

रायपुर। बीते तीन वर्षों से खारून नदी के तट पर प्रत्येक पूर्णिमा को आयोजित की जा रही महा गंगा आरती अब विवादों के घेरे में आ गई है। खारून गंगा आरती समिति द्वारा आयोजित इस धार्मिक आयोजन को लेकर कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध जताया है और इसे ‘बाहरी परंपरा’ करार देते हुए आरती पर रोक लगाने की मांग की है।
हाल ही में समिति के सदस्यों ने एक प्रेसवार्ता कर पूरे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि समिति में 1000 से अधिक सदस्य शामिल हैं, जो सभी सनातनी हैं और पूरी श्रद्धा के साथ 108 दीपों से आरती का आयोजन करते हैं।
विरोध को लेकर समिति ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं है। समिति ने विरोध करने वालों से हाथ जोड़कर अपील की है कि वे भी आरती में शामिल हों — यदि चाहें तो उन्हें प्रथम पंक्ति में स्थान दिया जाएगा — लेकिन इस निरंतर चलने वाली आरती को बंद न किया जाए।
समिति का कहना है कि आयोजन की परंपरा बनी रहेगी और आवश्यकता पड़ी तो स्थानीय रीति-रिवाजों के अनुसार आरती की विधि में बदलाव भी किया जा सकता है, लेकिन धर्म और श्रद्धा के इस आयोजन को राजनीतिक या क्षेत्रीय रंग न दिया जाए।