
कांकेर। बस्तर संभाग में नक्सल उन्मूलन अभियान को बड़ी सफलता मिली है। जिले में सक्रिय 21 नक्सलियों ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। जंगलवार कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सुरक्षा बलों ने रेड कारपेट बिछाकर surrendered नक्सलियों का स्वागत किया।
बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने सभी नक्सलियों को भारतीय संविधान की प्रति भेंट कर सम्मानपूर्वक मुख्यधारा में शामिल किया। पुलिस द्वारा हाल ही में रणनीति में किए गए बदलाव का यह महत्वपूर्ण असर माना जा रहा है, जिसमें मुठभेड़ से अधिक आत्मसमर्पण को प्राथमिकता दी जा रही है।
रणनीति में बदलाव और सफलता की शुरुआत
- हाल ही में पुलिस ने नक्सलियों को संदेश दिया था कि आत्मसमर्पण करने पर उनका स्वागत किया जाएगा, अन्यथा कड़ी कार्रवाई होगी।
- इसी माह जगदलपुर में 208 नक्सलियों ने 109 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था।
- अब कांकेर जिले की दो एरिया कमेटियों से 21 नक्सलियों ने 18 हथियार पुलिस को सौंपे हैं।
आईजी पी. सुंदरराज ने कहा कि कभी नक्सल संगठन के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी में 45 सदस्य हुआ करते थे, जो अब घटकर सिर्फ 6-7 रह गए हैं। उन्होंने दक्षिण बस्तर के जंगलों में अभी भी सक्रिय नक्सलियों से हथियार छोड़कर शांति का रास्ता अपनाने की अपील की, साथ ही चेतावनी दी कि आत्मसमर्पण न करने वालों पर फोर्स की कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
शांति और विकास की ओर कदम
पुलिस का मानना है कि आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या बताती है कि नक्सलवाद अपनी जमीन खोता जा रहा है और बस्तर अब शांति व विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।



