कोंडागांव में भाजपा नेता से 41 लाख की ठगी, RSS की फर्जी महिला पदाधिकारी बनकर मांगे थे 3 करोड़, दो आरोपी फरार

कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक बड़ा ठगी का मामला सामने आया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पेट्रोल पंप संचालक संतोष कटारिया से 41 लाख 30 हजार रुपये की ठगी की गई है। खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पदाधिकारी बताने वाली महिला काजल जोशी और उसके साथी राजीव सोनी ने खनिज निगम का चेयरमैन बनाने के नाम पर यह रकम ठगी।
बताया गया कि काजल जोशी नाम की महिला ने दिल्ली में रहने वाली और आरएसएस की प्रभावशाली कार्यकर्ता होने का दावा करते हुए संतोष से संपर्क साधा था। उसने खुद को केंद्रीय मंत्रियों और छत्तीसगढ़ सरकार से करीबी बताते हुए निगम में चेयरमैन बनाने के लिए 3 करोड़ रुपये की डील रखी। लालच में आकर पीड़ित नेता ने 3 महीने में किश्तों में कुल 41.30 लाख रुपये दे दिए।
इस तरह हुई ठगी
यह मामला केशकाल थाना क्षेत्र का है। संतोष कटारिया की शिकायत के मुताबिक, उन्होंने रायपुर निवासी राजीव सोनी के माध्यम से काजल जोशी से मुलाकात की थी।
- 20 अगस्त 2024 को दिल्ली में 20 लाख रुपये कैश
- 26 सितंबर को केशकाल से QR कोड स्कैन कर 1.30 लाख
- अक्टूबर में रायपुर के होटल क्लार्क इन में 20 लाख रुपये कैश
इस तरह कुल 41.30 लाख रुपये अलग-अलग तरीकों से दिए गए।
लेकिन जब राज्य में निगम मंडल की नियुक्तियां हुईं और उनका नाम सूची में नहीं आया, तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। संतोष ने जब आरोपियों से संपर्क करना चाहा, तो दोनों ने फोन उठाना बंद कर दिया। इसके बाद उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
आरोपी महिला की असली पहचान आई सामने
जांच में खुलासा हुआ कि खुद को काजल जोशी बताने वाली महिला असल में कोमल मुंजारे है। मामले में दोनों आरोपियों – कोमल मुंजारे और राजीव सोनी – के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक धमकी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है।
लंबे समय से भाजपा से जुड़े हैं पीड़ित
संतोष कटारिया अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं और उत्तर बस्तर के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे वर्तमान में छत्तीसगढ़ भाजपा कोर ग्रुप के सदस्य भी हैं।
थाना प्रभारी का बयान
केशकाल थाना प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है।
यह मामला प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है, जहां पद दिलाने के नाम पर इस तरह का फर्जीवाड़ा किया गया और एक वरिष्ठ नेता को लाखों की चपत लगाई गई।