छत्तीसगढ़
Trending

छत्तीसगढ़ में वनाधिकार की ऐतिहासिक पहल: 20 लाख हेक्टेयर जमीन पर मिला कानूनी हक, 4.83 लाख से ज्यादा वनवासी परिवारों को मिला अधिकार का प्रमाणपत्र

रायपुर 3 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों प्रकार के वन संसाधन अधिकारों की मान्यता एवं वितरण में देश के अग्रणी राज्यों में रहते हुए सक्रिय, सकारात्मक और सराहनीय भूमिका निभाई है। अब तक प्रदेश में 4,78,641 व्यक्तिगत अधिकार तथा 4,349 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) पत्र वितरित किए गए हैं, जिससे कुल 20,06,224 हेक्टेयर क्षेत्र पर कानूनी अधिकार प्रदान कर लाखों वनवासी परिवारों को सशक्त बनाया गया है। यह उपलब्धि प्रदेश की प्रशासनिक प्रतिबद्धता, पारदर्शिता और सतत विकास के प्रति दृढ़ निष्ठा का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

वन विभाग द्वारा सीएफआरआर क्रियान्वयन के दौरान मॉड्यूल प्रबंधन योजनाओं और दिशा-निर्देशों के अभाव में फील्ड अधिकारियों को केवल एक परामर्श जारी किया गया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सामुदायिक प्रबंधन योजनाएं राष्ट्रीय वर्किंग प्लान कोड, 2023 से वैज्ञानिक रूप से समन्वित हों। इस परामर्श की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि बिना स्पष्ट ढांचे के फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन में असंगति उत्पन्न हो रही थी, जिससे भविष्य में वनों की पारिस्थितिकी के क्षतिग्रस्त होने, स्वीकृत कार्य योजनाओं से टकराव और समुदाय तथा विभागीय विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका थी। कुछ संस्थाओं एवं ग्राम सभाओं द्वारा इसे अधिकार सीमित करने के प्रयास के रूप में देखा गया, जबकि वास्तव में विभाग का उद्देश्य केवल पारदर्शी, टिकाऊ और कानूनी रूप से मजबूत प्रबंधन की पूर्व तैयारी करना था।

दिनांक 15.05.2025 को कार्यालय से जारी पत्र केवल एक अंतरिम प्रक्रिया-संबंधी व्यवस्था थी, जिसमें उल्लेख किया गया था कि मॉडल योजना जारी होने तक केवल स्वीकृत योजनाएं ही लागू की जाएं। इस पत्र में एक टंकण त्रुटि के कारण वन विभाग को ‘नोडल एजेंसी’ लिखा गया था, जबकि वास्तविक शब्द ‘समन्वयक’ था। इस त्रुटि को 23.06.2025 के परिपत्र से विधिवत सुधार दिया गया। उक्त पत्र तथा स्पष्टीकरण के कारण उत्पन्न भ्रम को दृष्टिगत रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार दोनों पत्रों को दिनांक 03.07.2025 को वापस ले लिया गया है।

सीएफआरआर क्रियान्वयन को और सुदृढ़ बनाने हेतु छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को औपचारिक अनुरोध भेजे गए हैं, जिनमें अनुरोध किया गया है कि राष्ट्रीय वर्किंग प्लान कोड, 2023 के अनुरूप मॉडल सामुदायिक प्रबंधन योजनाएं तथा विस्तृत क्रियान्वयन दिशा-निर्देश जल्द से जल्द जारी किए जाएं एवं ग्राम सभा प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के लिए समग्र प्रशिक्षण मॉड्यूल / हैंडबुक प्रकाशित की जाए।

छत्तीसगढ़ वन विभाग यह स्पष्ट करता है कि सीएफआरआर का क्रियान्वयन प्रदेश में पूरी पारदर्शिता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सहभागिता के साथ किया गया है तथा आगे भी परंपरागत ज्ञान को सम्मान देते हुए सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जाता रहेगा।


1001518797 removebg preview
Manish Tiwari

Show More

Related Articles

Back to top button