वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के विभागों के लिए 12 हजार 389 करोड़ 29 लाख रुपए से अधिक अनुदान मांगे पारित

रायपुर, 19 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्त, आवास एवं पर्यावरण एवं योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 12,389 करोड़ 29 लाख रुपए से अधिक की अनुदान मांगे पारित की गईं। इसमें वित्त विभाग के लिए 11,109 करोड़ 43 लाख 25 हजार रुपए, आवास एवं पर्यावरण विभाग के लिए 1,208 करोड़ 36 लाख 72 हजार रुपए और योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के लिए 71 करोड़ 49 लाख 60 हजार रुपए की अनुदान मांगे पारित की गईं।
वित्त विभाग
वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि इस बजट में शासकीय सेवकों की पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों जैसे पेंशन, परिवार पेंशन, पेंशन कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण और एनपीएस में नियोक्ता अंशदान का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि नवंबर 2004 से अप्रैल 2022 के मध्य नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए एनपीएस-ओपीएस चयन का विकल्प दिया गया था, जिसके लिए नियोक्ता अंशदान का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के चलते बढ़ते वित्तीय दायित्वों के लिए 456 करोड़ का प्रावधान पेंशन निधि में निवेश के लिए किया गया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार पेंशन निधि अधिनियम बना रही है, जिससे इस प्रक्रिया को स्थायी स्वरूप दिया जा सके। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचित शोधन निधि का गठन किया गया है, जिसमें गत वर्ष के अवशेष ऋणों का 0.5 प्रतिशत प्रति वर्ष निवेश किया जाता है। इस निधि में कुल अवशेष ऋणों का 5 प्रतिशत तक निवेश होना चाहिए, जबकि वर्तमान में यह 7.3 प्रतिशत से अधिक है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की गारंटी पर लिए गए ऋणों के भुगतान सुनिश्चित करने के लिए गारंटी मोचन निधि में अब तक 500 करोड़ निवेशित किए गए हैं और इस बजट में भी 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ को विकासशील से विकसित राज्य बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। इस बजट में “छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड” बनाया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
उन्होंने बताया कि “एसएनएस-स्पर्श” के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष 3 राज्यों में शामिल है और इस वर्ष लक्ष्य को समय पर पूरा करने के कारण भारत सरकार से 500 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है।
आवास एवं पर्यावरण विभाग
वित्त मंत्री चौधरी ने बताया कि नवा रायपुर अटल नगर में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार करना सरकार की प्राथमिकता है। इसमें पेयजल आपूर्ति, परिवहन सुविधा और कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि नवा रायपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में “अटल स्मारक और संग्रहालय” बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नवा रायपुर में युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और उच्च अध्ययन की सुविधा देने हेतु पुस्तकालय भवन निर्माण का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि नवा रायपुर में आईटी कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ बिल्ट-अप स्पेस आवंटित किए गए हैं, जिससे लगभग 2000 लोगों के लिए रोजगार सृजित होगा।
पर्यावरण के क्षेत्र में राज्य में “कंटीन्यूअस एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन्स” स्थापित किए गए हैं, जिससे 24/7 मॉनिटरिंग संभव होगी।
उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर “छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र” का गठन किया जा रहा है।
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य को 2047 तक विकसित बनाने के लिए “छत्तीसगढ़ अंजोर-विजन@2047” दस्तावेज तैयार किया गया है, जिसमें 13 प्रमुख रणनीतियां शामिल हैं।
वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) विभाग
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से वस्तुओं की लागत में कर भार कम हुआ है और उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में राजस्व संग्रहण के मामले में तीसरे स्थान पर है।
उन्होंने बताया कि राज्य में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 1.28 लाख से बढ़कर 1.87 लाख हो गई है।
पुरानी सरकार द्वारा लागू की गई “वन टाइम सेटलमेंट स्कीम (ओटीएस) 2023” को व्यापारियों की मांग पर 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 40 रजिस्ट्री कार्यालयों के पास अपने भवन नहीं हैं, जिसके समाधान के लिए 25 कार्यालयों के लिए भवन निर्माण का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि “सुगम” मोबाइल ऐप लागू किया गया है, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी हो गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त, आवास एवं पर्यावरण, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी और वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायकगण राघवेन्द्र सिंह, अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, सुनील सोनी, शेषराज हरवंश और हर्षिता बघेल ने भाग लिया।