जशपुर में हाथियों का कहर: वन विभाग की लापरवाही से किसान की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश

जशपुर, 04 अगस्त 2025
छत्तीसगढ़ के जशपुर वनमंडल में हाथी-मानव संघर्ष लगातार विकराल होता जा रहा है। वन विभाग की निष्क्रियता और ‘गजरथ योजना’ के सीमित दायरे में सिमट जाने के कारण रविवार को बगीचा क्षेत्र में एक किसान की हाथी के कुचलने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, बगीचा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत गुरमहाकोना के कदमबथान गांव में रहने वाले किसान रमेश यादव (45) रविवार शाम अपने खेत में काम कर रहे थे। तभी खेत में विचरण कर रहे हाथियों के दल में से एक हाथी ने उन पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि हाथी ने रमेश यादव को अपनी सूंड से उठाकर पटक-पटक कर मार डाला। घटना की जानकारी परिजनों को तब मिली जब रमेश यादव देर शाम तक घर नहीं लौटे और उनकी तलाश की गई।
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग हाथियों की लगातार गतिविधियों के बावजूद सतर्कता बरतने और समय रहते पूर्व सूचना देने में विफल रहा।
बगीचा वनपरिक्षेत्र के सुतरी, कालिया, कुटमा, बगीचा और गुरमहाकोना गांव में पिछले एक सप्ताह से 27 हाथियों का दल घूम रहा है। इसके बावजूद वन विभाग हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने में नाकाम रहा है। शनिवार रात भी हाथियों ने बगीचा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 14 में 9 किसानों के खेतों में घुसकर धान की फसल रौंद दी थी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जैसे आदिवासी बहुल जिले में हाथियों से जनहानि रोकने के लिए ‘गजरथ योजना’ के तहत जागरूकता अभियान चलाने की घोषणा की थी, लेकिन यह योजना केवल कुनकुरी क्षेत्र तक ही सीमित रह गई है।
किसान की मौत के बाद ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि हाथियों के आतंक पर शीघ्र रोक नहीं लगाई गई और प्रभावित परिवारों को मुआवजा तथा सुरक्षा के ठोस उपाय नहीं किए गए, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।