
अंबिकापुर, 18 जुलाई 2025 डेंगू पीड़ित मासूम बच्ची के इलाज में लापरवाही और परिजनों से अभद्रता करने के मामले में अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह FIR अदालत के हस्तक्षेप और आदेश के बाद दर्ज हुई है। मामला महावीर हॉस्पिटल का है, जहां गंभीर रूप से बीमार बच्ची को इलाज के बजाय अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया।
जानकारी के अनुसार, अंबिकापुर की मेयर कॉलोनी निवासी अधिवक्ता नीरज वर्मा ने बताया कि उनकी बेटी की तबीयत 5 सितंबर 2023 को अचानक बिगड़ गई थी। शुरुआती जांच में डेंगू और खून की कमी की पुष्टि होने के बाद उन्होंने 7 सितंबर को बच्ची को महावीर हॉस्पिटल में भर्ती कराने की कोशिश की।
नीरज वर्मा ने बताया कि उन्होंने ओपीडी फीस और अन्य जांच के लिए शुल्क जमा किया। जांच के बाद डॉक्टरों ने बच्ची की स्थिति गंभीर बताई और तत्काल खून व प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह दी। बच्ची को केज्युअल्टी वार्ड में स्लाइन और इंजेक्शन लगाया गया, लेकिन बेड उपलब्ध न होने के कारण उसे जनरल वार्ड की एक कुर्सी पर बैठा दिया गया।
परिजन ने जब जमीन पर ही बिस्तर लगाने की गुहार लगाई तो अस्पताल प्रबंधन ने नाराजगी जताई और बदसलूकी करते हुए बच्ची को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। साथ ही, इलाज से जुड़ी रिपोर्ट और दस्तावेज भी देने से इनकार कर दिया गया।
जब पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो नीरज वर्मा ने अदालत का रुख किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने गांधीनगर थाने को FIR दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के निर्देश पर डॉक्टर सुधांशु किरण (एमडी मेडिसिन) के खिलाफ IPC की धारा 270 (संक्रमण फैलाने वाला खतरनाक कृत्य) और 294 (गाली-गलौज) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामले की जांच गांधीनगर पुलिस द्वारा शुरू कर दी गई है। घटना के बाद शहर में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।