दिल्ली को मिली नई मुख्यमंत्री! रेखा गुप्ता ने पहली बार में ही रचा इतिहास, जानिए उनके राजनीतिक सफर की पूरी कहानी
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कर्मठ कार्यकर्ता रेखा गुप्ता को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और शालीमार बाग सीट से जीत दर्ज की। उनकी नेतृत्व क्षमता, राजनीतिक अनुभव और समुदाय में मजबूत पकड़ को देखते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया।
रेखा गुप्ता का मुख्यमंत्री बनना न केवल वैश्य समुदाय बल्कि पूरे दिल्ली के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। उनकी नियुक्ति के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अहम भूमिका मानी जा रही है, जिसने महिला मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी, जिसे बीजेपी आलाकमान ने स्वीकार कर लिया।
रेखा गुप्ता के जीवन और राजनीतिक सफर की 10 बड़ी बातें
- जन्म और शिक्षा: रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव में हुआ था। जब वे दो साल की थीं, तब उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया।
- पारिवारिक पृष्ठभूमि: उनके पिता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में मैनेजर थे। रेखा गुप्ता की पूरी शिक्षा दिल्ली में ही हुई।
- राजनीतिक सफर की शुरुआत: उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में रुचि ली और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर सक्रिय राजनीति में कदम रखा।
- दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) में भूमिका: वे DUSU में सचिव और अध्यक्ष पद का चुनाव जीत चुकी हैं।
- पहली बार विधायक बनीं: 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना कुमारी को हराकर पहली बार विधायक बनने का गौरव हासिल किया।
- चुनाव में शानदार प्रदर्शन: इस चुनाव में उन्हें कुल 68,200 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 38,605 वोट और कांग्रेस के प्रवीण कुमार जैन को 4,892 वोट मिले।
- बीजेपी की महिला पसंद: महिला होने के नाते बीजेपी नेतृत्व की पहली पसंद बनीं, क्योंकि पार्टी महिला सशक्तिकरण का संदेश देना चाहती थी।
- ईमानदार छवि: अब तक उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है, जिससे उनकी स्वच्छ छवि पार्टी की प्राथमिकता बनी।
- समुदाय में मजबूत पकड़: वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने के कारण उनकी पकड़ व्यापक है, जिससे बीजेपी को सामाजिक समीकरण साधने में मदद मिली।
- आरएसएस का समर्थन: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सिफारिश के बाद ही बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी।
रेखा गुप्ता की यह सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि दिल्ली की राजनीति में नए दौर की शुरुआत भी है। बीजेपी ने उनके माध्यम से महिलाओं और युवाओं को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी नेतृत्व में नई ऊर्जा और निष्ठा को प्राथमिकता दे रही है।