CM साय का संकल्प रंग लाया: ‘पूना मारगेम’ से शांति की ओर बढ़ता बस्तर, बीजापुर में 34 माओवादी कैडरों का आत्मसमर्पण

रायपुर, 16 दिसंबर 2025/छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले में ₹84 लाख के इनामी 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़ते हुए आत्मसमर्पण किया और भारतीय संविधान में आस्था जताते हुए समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री साय ने इस घटनाक्रम को बस्तर अंचल में शांति, विश्वास और विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति के अनुरूप छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने के सतत प्रयासों का परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ‘पूना मारगेम’ नीति ने साबित कर दिया है कि संवाद, संवेदनशीलता और विकास, हिंसा से कहीं अधिक प्रभावी समाधान हैं। यह आत्मसमर्पण केवल हथियार छोड़ने की घटना नहीं, बल्कि भय और भ्रम से मुक्त होकर सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने का साहसिक निर्णय है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार आत्मसमर्पण करने वालों के पुनर्वास, सुरक्षा, आजीविका, कौशल विकास और सामाजिक पुनर्समावेशन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में सम्मान के साथ जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री ने भटके हुए युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे हिंसा का मार्ग त्यागें, लोकतंत्र और विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें और प्रदेश व देश के निर्माण में सहभागी बनें।
उन्होंने दोहराया कि छत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प है, और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।



