child marriage कलेक्टर के निर्देश पर रोका गया बाल विवाह

child marriage बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया एवं समझाइश के पश्चात विवाह रोका
child marriage सक्ती . कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेन्द्र कश्यप एवं जिला एवं महिला बाल विकास अधिकारी तारकेश्वर सिन्हा महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में 06 जुलाई 2022 को बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए नगर पंचायत शिवरीनारायण में बालिका के घर जाकर उसके अंकसूची की जांच की जहां बालिका की उम्र 17 वर्ष 07 माह होना पाया गया। विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा बालिका एवं उसके माता-पिता एवं स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया एवं समझाइश के पश्चात स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है।
child marriage दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से श्री गजेन्द्र सिंह जायसवाल जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्रीमती ज्योति मिश्रा, संरक्षण अधिकारी, संतोषी वैष्णव, सामाजिक कार्यकर्ता, श्री अमित कुमार भोई आउटरीच वर्कर, चाइल्ड लाइन जांजगीर से टीम मेम्बर जोहित कुमार कश्यप पुलिस विभाग से सहायक उप निरीक्षक श्री रामेश्वर यादव, आरक्षक क्रमांक 847 श्री योगेश बंजारे एवं महिला आरक्षक क्रमांक 756 श्रीमती डिल्ली बघेल थे।
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है।