मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना: शहरों की सूरत बदलने 13 नगर निगमों में 429 करोड़ के 26 कार्य स्वीकृत

रायपुर, 01 दिसंबर 2025 / छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के अंतर्गत प्रदेश के शहरों को आधुनिक, सुंदर और जीवंत बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। इस योजना में पहले चरण में 14 नगर निगम शामिल किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद 13 नगर निगमों में कुल 429.45 करोड़ रुपए के 26 आइकॉनिक कार्यों को मंजूरी दी गई है।
इनमें मरीन ड्राइव विस्तार, ऑक्सीजोन-कम-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, हाइटेक बस स्टैंड, ऑडिटोरियम, गौरव पथ, प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण, जलापूर्ति सुदृढ़ीकरण और पर्यटन स्थलों के विकास जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। इस वर्ष 2025-26 के लिए योजना में 500 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। कई कार्यों के लिए ठेके जारी किए जा चुके हैं और पांच प्रोजेक्ट्स का भूमिपूजन भी हो चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि योजना शहरों के सतत विकास और इज ऑफ लिविंग को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वहीं उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि योजना के अंतर्गत ऐसे आइकॉनिक प्रोजेक्ट लिए जा रहे हैं, जो शहरों के विकास की मिसाल बनेंगे।

रायपुर, रायगढ़, बिलासपुर में सबसे ज्यादा कार्य
- रायपुर में कुल 91.27 करोड़ के 4 कार्य
- 18 रोड जंक्शन विकास
- जलापूर्ति सुदृढ़ीकरण
- महादेव घाट पुनरुद्धार (फेज-1)
- टेक्नीकल टॉवर निर्माण
- रायगढ़ में 64.66 करोड़ के 3 कार्य
- मरीन ड्राइव विस्तार
- ऑक्सीजोन-कम-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
- अंतरराज्यीय बस टर्मिनल उन्नयन
- बिलासपुर में 57.92 करोड़ के 9 कार्य
- अशोक नगर–बिरकोनी रोड चौड़ीकरण
- अटल पथ निर्माण
- कई महत्वपूर्ण सड़कों और तालाबों का विकास
- स्ट्रीट लाइट सुधार कार्य
- कोरबा में 36.55 करोड़ से गौरव पथ निर्माण
अन्य प्रमुख नगर निगमों में स्वीकृत कार्य
- धमतरी – हाइटेक बस स्टैंड एवं ऑडिटोरियम (24.64 करोड़)
- जगदलपुर – मार्ग चौड़ीकरण और दलपत सागर सौंदर्यीकरण (19.95 करोड़)
- बीरगांव – उरला नाला विकास और सड़क निर्माण (24.75 करोड़)
- चिरमिरी – बाइपास, चौक सौंदर्यीकरण और सड़क विकास (14.84 करोड़)
- अंबिकापुर – पुष्पवाटिका पार्क विकास और मां महामाया कॉरीडोर (13.99 करोड़)
- भिलाई-चरोदा – केनाल रोड निर्माण (29.43 करोड़)
- रिसाली – तीन प्रमुख सड़कों का विकास (17.33 करोड़)
मॉनिटरिंग होगी कलेक्टर की अध्यक्षता में
योजना के सभी कार्यों की निगरानी जिला स्तरीय समिति करेगी, जिसकी अध्यक्षता कलेक्टर करेंगे। समयसीमा में गुणवत्ता आधारित कार्य सुनिश्चित करना समिति की जिम्मेदारी होगी।
राज्य शासन का दावा है कि यह योजना आने वाले वर्षों में शहरों की पहचान बदल देगी और लोगों को बेहतर, सुविधाजनक एवं आधुनिक शहरी जीवन उपलब्ध कराएगी।



