कोल डस्ट से जनता परेशान, SECL पर भड़के चीफ जस्टिस – कहा: “यह तो वही बात हो गई कि हम शराब बेचते हैं, बाकी पीने वाला जाने”

बिलासपुर, 24 जुलाई 2025 छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के दौरान उड़ रही धूल और इससे आम जनता को हो रही परेशानी को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सख्त तेवर देखने को मिले। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान एसईसीएल (SECL) की कार्यप्रणाली पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि “आपका रवैया ऐसा है कि हम कोयला बेचते हैं, बाकी ट्रांसपोर्टर जाने। यह तो वही बात हो गई कि हम शराब बेचते हैं, पीने वाला मरे तो मरे।”
चीफ जस्टिस ने कहा कि “आप प्लांट चलाइए, किसी को आपत्ति नहीं है। लेकिन इससे यह मतलब नहीं कि आम नागरिक अस्थमा से मर जाए, कीचड़ भरी सड़कों में दुर्घटनाओं का शिकार हो। बरसात में हालात और बदतर हो जाते हैं।”
SECL नहीं बच सकता जिम्मेदारी से
कोर्ट में दाखिल शपथपत्र में SECL ने यह कहा कि वह केवल कोयला उत्पादन करता है, ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी खरीदारों की है। इस पर नाराजगी जताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, “परिवहन का काम ट्रांसपोर्टर को दे दिया कह कर आप अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकते। यदि आप यही कह रहे हैं कि हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं, तो हम ट्रांसपोर्ट बंद करवा देते हैं। आप रखिए अपना कोयला अपने पास।”
उन्होंने आगे कहा कि 18 चक्कों वाली भारी गाड़ियों से सड़कें खराब हो गई हैं, पांच किलोमीटर में 25 गड्ढे बन चुके हैं। “हम दिखा सकते हैं और आप कहते हैं कि ये हमारी जिम्मेदारी नहीं है?”
माइनिंग एरिया में मर्डर, कानून व्यवस्था पर सवाल
जब SECL के वकीलों ने माइनिंग क्षेत्र में नियमों के पालन की बात कही, तो चीफ जस्टिस ने कहा, “अभी तो मर्डर हो गया माइनिंग एरिया में। कल ही आप कोर्ट में इस मामले में अपोज करने आए थे। 15 लोगों पर एफआईआर हुआ है, यह सीधा हत्या का मामला है और आप कहते हैं कि हम सिर्फ कोयला निकालते हैं?”
चीफ जस्टिस के कड़े निर्देश
मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट निर्देश दिए कि:
- बिना कवर कोयला ले जा रही गाड़ियों को परमिट न दिया जाए।
- हर ट्रक की तस्वीर हाईवे पेट्रोलिंग टीम चेक करेगी।
- यदि खुले में कोयला मिला तो संबंधित ट्रांसपोर्टर का एग्रीमेंट और रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए।
- पूरे सिस्टम की सख्त निगरानी के लिए विशेष बल तैनात किया जाएगा।
- SECL को ताजा शपथपत्र दाखिल करने का आदेश।
चीफ जस्टिस ने कहा, “आपके पास बड़े-बड़े सलाहकार हैं, फायदे कमाइए लेकिन जनता की सेहत और सुरक्षा की कीमत पर नहीं।”
यह मामला अब और भी गंभीर हो चुका है और हाईकोर्ट इस पर लगातार निगरानी बनाए रखेगा। आने वाले दिनों में कोयला परिवहन व्यवस्था और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कड़े कदम उठाए जाने तय हैं।