मां बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद के निर्माण में अवैध पोल्ट्री फार्म का इस्तेमाल करने पर खाद्य विभाग की टीम ने मारा छापा, स्थानीय लोगों में आक्रोश और धार्मिक भावनाओं को लेकर उठी चिंताओं की लहर
राजनांदगांव, 26 सितंबर 2024
देश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के मामले में मचे बवाल के बीच छत्तीसगढ़ से भी इसी तरह का मामला सामने आया है। शक्तिपीठ मां बमलेश्वरी मंदिर का प्रसाद मजहर खान की पोल्ट्री फैक्ट्री में बनाया जा रहा था। इस प्रसाद को डोंगरगढ़ के मां बमलेश्वरी मंदिर में चढ़ाने के लिए आसपास की दुकानों में सप्लाई किया जाता है। पूरा मामला डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम राका का है।डोंगरगढ़ के पास ग्राम राका में मजहर खान का पोल्ट्री फार्म है। 5 हजार स्क्वायर फीट के पोल्ट्री फार्म के कैंपस में ही प्रसाद बनाने की फैक्ट्री भी संचालित है। श्री भोग के नाम से लायची दाना को पैकेट में पैक कर प्रसाद बनाया जाता है। पैकेट में मां बमलेश्वरी की फोटो लगी है और पैकेट के ऊपर “शुद्ध वातावरण में निर्मित किया गया है लिखा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जब फैक्ट्री में छापा मारा तो बड़ी संख्या में प्रसाद के पैकेट पोल्ट्री फार्म में मिले। प्रसाद में माता बमलेश्वरी की फोटो लगी है। इसे मंदिर के आसपास की दुकानों में सप्लाई किया जाता था। जहां से भक्त पूरी श्रद्धा के साथ प्रसाद खरीद कर देवी को चढ़ाते हैं।
डोंगरगढ़ के पास ग्राम राका में मजहर खान का पोल्ट्री फार्म है। 5 हजार स्क्वायर फीट के पोल्ट्री फार्म के कैंपस में ही प्रसाद बनाने की फैक्ट्री भी संचालित है। श्री भोग के नाम से लायची दाना को पैकेट में पैक कर प्रसाद बनाया जाता है। पैकेट में मां बमलेश्वरी की फोटो लगी है और पैकेट के ऊपर “शुद्ध वातावरण में निर्मित किया गया है लिखा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जब फैक्ट्री में छापा मारा तो बड़ी संख्या में प्रसाद के पैकेट पोल्ट्री फार्म में मिले। प्रसाद में माता बमलेश्वरी की फोटो लगी है। इसे मंदिर के आसपास की दुकानों में सप्लाई किया जाता था। जहां से भक्त पूरी श्रद्धा के साथ प्रसाद खरीद कर देवी को चढ़ाते हैं।
ये मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। खाद्य सुरक्षा विभाग को जांच में यह भी पता लगा है कि इस फैक्ट्री के संचालन का पंजीयन नहीं है। साथ ही पैकेजिंग में भी गड़बड़ी पाई गई है। प्रसाद बनाने के मानक, एक्सपायरी डेट और मैन्युफैक्चरिंग डेट, बैच नंबर पैकेट में नहीं लिखे है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बड़ी संख्या में लायची दाना के पैकेट को जब्त किया है और सैंपल के लिए भेजा है। ये भी पता चला कि फैक्ट्री के संचालन के लिए कोई भी अनुमति नहीं ली गई थी।
जांच टीम के द्वारा मांगने पर संचालक फैक्ट्री संचालन से जुड़ा कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा सका। इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग बमलेश्वरी मंदिर ट्रस्ट से भी बात कर रहा है। प्रसाद किस खाद्य सामग्री से बनाया जा रहा है इसकी भी जाँच की जा रही है। हालांकि फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों का दावा है कि दोनों जगह काम करने के लिए अलग-अलग मजदूर नियुक्त है।खाद्य सुरक्षा विभाग बमलेश्वरी मंदिर के अलावा राजनांदगांव में स्थित मां पाताल भैरवी मंदिर, सिंगारपुर स्थित बालाजी मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों से प्रसाद का सैंपल ले इसकी जांच करवाने वाला है।