रायपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत 74 लाख रुपए की हेराफेरी के मामले में राज्य शासन ने रायपुर के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) जी. आर. चंद्राकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। कई स्तरों पर हुई जांच में राशि के गलत आबंटन की पुष्टि के बाद यह कार्रवाई की गई है।
जांच में सामने आया कि कुछ स्कूल, जिन्हें राशि जारी की गई थी, अस्तित्व में ही नहीं थे। वहीं, कुछ मामलों में स्कूलों के बजाय निजी खातों में लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए। आरटीई फंड की इस गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर स्कूल शिक्षा विभाग ने अलग-अलग स्तर पर जांच कराई, जिसमें यह खुलासा हुआ।
पहली जांच तत्कालीन संभागीय संयुक्त संचालक एस. के. भारद्वाज ने की। उन्होंने पाया कि जिन खातों में रकम भेजी गई, उनमें से कुछ स्कूल लंबे समय से बंद थे। वहीं, कुछ स्कूलों के नाम पर निजी खातों में राशि ट्रांसफर की गई। दूसरी जांच जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा की गई, जिसमें बताया गया कि कैसे जानबूझकर राशि को गलत खातों में अंतरित किया गया।
तीसरी जांच समग्र शिक्षा के पूर्व संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव ने की, जिसमें उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट में आरटीई फंड के आबंटन में गड़बड़ी की पुष्टि की। सभी जांच रिपोर्ट्स में गड़बड़ी साबित होने के बाद राज्य शासन ने जी. आर. चंद्राकर पर एफआईआर के निर्देश जारी किए।