जीरे के भाव चढ़े, लाल मिर्च और ज्यादा हुई तीखी
भोपाल : सोमवार, जुलाई 10, 2023। टमाटर व हरी सब्जियों के साथ साथ जीरा का तडक़ा भी महंगा हो गया है। दाल में मिर्ची तीखापन दे रही है। कुल मिलाकर सब्जी से टमाटर तो पूरी तरह से गायब हो चुका साथ ही जीरा के दाने भी सब्जी में कम हो गए। क्योंकि जीरा का भाव 660 रुपये किलो जा पहुंचा है। लाल मिर्च 350 किलो हो चुकी है ।वही तुअर दाल का भाव भी 150 रुपये प्रति किलो जा पहुंचा। भले ही आटा-तेल का भाव नियंत्रण में है फिर भी रसोई का बजट बिगड़ गया है। क्योंकि तेल में तलने वाली हर सब्जी और उसमें डलने वाला हर सामान महंगा हो चुका है।
बारिश के मौसम में किसानों के खेतों से फसल पूरी तरह से गायब हो चुकी होती है। बारिश के मौसम में किसान अपने खेत तैयार कर उनमें फसल बोते है। यह फसल अगस्त के आखरी माह से आना शुरू हो जाती है। इस कारण से इस मौसम में सब्जियां बाहर से आती हैं। इसलिए इनके दाम भी अधिक होते हैं। इस वक्त आलू ,लौकी व कद्दू छोडक़र कोई भी सब्जी 50 रुपये से नीचे नहीं है। यही हाल किराने के सामान में हो रखा है। डीजल पेट्रोल के दाम कम न होने से बाहर से आने वाला हर सामान महंगा बना हुआ है। केवल आटा और तेल को छोड़ दिया जाए तो जो भी बाहर से जीरा,मिर्ची,धनिया सहित हर खाद्य सामग्री बाहर से आ रही है। व्यापारियों का इस बात का भी अंदेशा जताया जा रहा है कि जीरा आदि के दाम बढऩे के पीछे बड़े व्यापारी माल को बीच में रोक देते हैं जिससे आवक घट जाती और मांग बढ़ जाती है इससे मुनाफा होता है।
मध्यम वर्ग की बढ़ रहीं मुश्किलें
खाद्य सामग्रियों के मूल्य में वृद्धि से कम आय, नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग की मुश्किलें बढऩे लगी हैं। आवश्यक घरेलू वस्तुओं में तेजी से लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है। महंगाई की मार सिर्फ आटा,तेल पर भले ही न हो लेकिन इसके अलावा हर सामान जैसे चावल, दाल सहित धनिया, जीरा और हल्दी ने भी अपने रिकार्ड तोड़ दिए हैं। दाल बाजार के किराना कारोबारी सतीश गर्ग बताते हैं कि रोजमर्रा में सबसे अधिक उपयोग होने वाली खाद्य सामग्री जीरा, दाल, नमक, धनिया, मिर्ची सभी के भाव में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इससे मध्यम वर्गीय परिवारों को घर चलाना मुश्किल हो गया है। लोगों ने सामानों में कटौती तक करना शुरू कर दी है। अरहर दाल की बाजार में पर्याप्त उपलब्धता न होने से आगे और तेजी के आसार हैं।