Maoists : छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले से माओवादियों के पैरों के नीचे से खिसक गई जमीन
Maoists : रायपुर। प्रदेश सरकार ने अभी हाल में कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या दूर करने के लिए एहतियात कदम उठाये जा रहे है. प्रदेश सरकार ने माओवादियों को लेकर जो बड़े फैसले किए है उसकी वजह से प्रदेश के बस्तर के माओवादियों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है और उनमें बौखलाहट है.
Maoists : उसकी वजह से बस्तर संभाग के अंतर्गत माओवादी संगठन की गतिविधियां दक्षिण बीजापुर, दक्षिण सुकमा, इंद्रावती नेशनल पार्क, अबूझमाड़ और कोयलीबेड़ा क्षेत्र के चंद वर्ग किलोमीटर तक सीमित हो गई हैं.
Maoists : छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि बस्तर संभाग के अंतर्गत साल 2019 से पहले नक्सल प्रभावित गांवों की संख्या 2710 थी, इनमें से पिछले 48 महीनों में 589 गांव नक्सलियों से मुक्त हुए. बस्तर संभाग के अंदर नक्सल विरोधी अभियान चलाए गए. इलाके की जनता की मांग पर विकास कार्यों के लिए 48 महीनों में 43 नए सुरक्षा कैंप/थाना स्थापित किए गए.
Maoists : गौरतलब है कि अपने संगठन का अस्तित्व बनाए रखने और कैडर के मनोबल को मजबूत रखने के लिए माओवादी किसी भी स्तर तक जा रहे हैं. वे निर्दोष ग्रामीणों की हत्या करते हैं, कभी विकास कार्यों में उपयोग किए जा रहे वाहनों को आग के हवाले करने हैं, तो कभी सुरक्षाबलों के ऊपर जानलेवा हमला करते हैं.
Maoists : पिछले कई वर्षों से माओवादी स्थानीय आदिवासी युवकों को जल, जंगल और जमीन के मुद्दे पर गलत जानकारी देकर शासन के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन, इसके बाद छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और जिला पुलिस बल में स्थानीय युवकों की भर्ती की गई. इसकी वजह से पिछले कुछ सालों में माओवादी संगठनों की भर्ती में कमी आई है. इतना ही नहीं नक्सल आतंक के कारण बस्तर संभाग के अंतर्गत 363 स्कूल बंद थे, जिनमें से पिछले 48 महीनों में 257 स्कूल दोबारा खोले गए.