छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED ने सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद 3 दिन की रिमांड मांगी, 115 करोड़ पहुंचाने का दावा

रायपुर, 17 दिसंबर 2025।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उन्हें रायपुर स्थित विशेष अदालत में पेश किया, जहां पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड की मांग की गई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
ईडी के अनुसार, जांच में शराब और कोयला घोटाले से जुड़े अहम आर्थिक लेन-देन और डिजिटल साक्ष्य सामने आए हैं। एजेंसी का दावा है कि शराब घोटाले से जुड़े करीब 115 करोड़ रुपये लक्ष्मीनारायण बंसल के माध्यम से सौम्या चौरसिया तक पहुंचे। इसके अलावा, आरोपी केके श्रीवास्तव से पूछताछ में 72 करोड़ रुपये की राशि के हवाला लेन-देन का भी खुलासा हुआ है।
3200 करोड़ के घोटाले की जांच
ईडी का कहना है कि यह मामला करीब 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि 2019 से 2023 के बीच तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में शराब नीति में ऐसे बदलाव किए गए, जिससे चुनिंदा कंपनियों को लाभ पहुंचा। लाइसेंस शर्तें भी कथित तौर पर इन्हीं कंपनियों के पक्ष में तय की गईं।
नकली होलोग्राम और टैक्स चोरी
जांच में सामने आया है कि नोएडा की एक फर्म के जरिए नकली होलोग्राम और सील तैयार कर महंगी शराब की बोतलों पर लगाए गए। इन फर्जी होलोग्राम वाली बोतलों की बिक्री सरकारी दुकानों से की गई, जिससे बिक्री का पूरा रिकॉर्ड सिस्टम में दर्ज नहीं हो पाया और बिना एक्साइज टैक्स के शराब बेची गई। इससे राज्य सरकार को लगभग 2165 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है।
कोयला घोटाले की डायरी से कड़ियां
ईडी ने बताया कि कोयला घोटाले की जांच में मिली एक डायरी में 43 करोड़ रुपये का उल्लेख मिला है, जिसका संबंध शराब घोटाले से जोड़ा जा रहा है। डायरी में अनवर ढेबर और पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा के नामों का भी जिक्र है।
पहले भी जेल जा चुकी हैं
सौम्या चौरसिया पहले भी कोयला घोटाले में आरोपी रह चुकी हैं। मई में सुप्रीम कोर्ट की शर्तों पर उन्हें जमानत मिली थी, जिसमें राज्य से बाहर रहने का निर्देश शामिल था।
अब तक कई गिरफ्तारियां
शराब घोटाले में अब तक कई बड़े नामों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, चैतन्य बघेल, अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर शामिल हैं। आबकारी विभाग के 28 अधिकारी भी आरोपी बनाए जा चुके हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
अब सभी की निगाहें विशेष अदालत के फैसले और ईडी की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं। रिमांड मिलने की स्थिति में जांच एजेंसी को घोटालों के बीच कथित आर्थिक कड़ियों पर और खुलासों की उम्मीद है।



