Chhattisgarh Covid Update: रायपुर-बिलासपुर में नए केस, JN.1 वैरिएंट का खतरा, ऑक्सीजन प्लांट बंद – प्रशासन सतर्क

छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर इजाफा देखने को मिला है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में 9 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें से रायपुर में 5 और बिलासपुर में 4 केस सामने आए हैं। कोविड के नए वैरिएंट JN.1 के आगमन के बाद यह एक दिन में सर्वाधिक केस हैं। फिलहाल प्रदेश में कुल 30 एक्टिव मरीज हैं, जिनमें से 2 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 28 एक्टिव केस मौजूद हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन एक्टिव मरीजों में से 27 होम आइसोलेशन में हैं, जबकि 1 मरीज निजी अस्पताल में भर्ती है। जिलेवार बात करें तो रायपुर में 18, बिलासपुर में 6, दुर्ग में 3 और बस्तर में 1 केस एक्टिव है। विभाग ने कोविड JN.1 को लेकर लाइट अलर्ट जारी किया है।
डॉ. आर.के. पांडा (मेकाहारा) के अनुसार, अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जा रहे हैं। हालांकि डायबिटीज, अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों और चेन स्मोकर्स के लिए यह नया वैरिएंट ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
देशभर में 51 मौतें, दिल्ली में 5 माह के बच्चे की मौत
देशभर में कोविड का नया वैरिएंट JN.1 तेजी से फैल रहा है। 9 राज्यों को छोड़कर लगभग सभी राज्यों में इसके मरीज मिल रहे हैं। अब तक 4,866 मरीज रिपोर्ट किए जा चुके हैं, जबकि 51 मौतें दर्ज की गई हैं। गुरुवार को दिल्ली में पांच माह के एक शिशु की मौत कोविड से हुई। हालांकि, फैटेलिटी रेट मात्र 2% है।
मेकाहारा में गंभीर केस नहीं, RTPCR और ICU की तैयारी
मेकाहारा के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. आर.के. पांडा ने बताया कि अस्पताल में अब तक गंभीर केस नहीं आए हैं। यहां 28 मई से कोविड ओपीडी शुरू कर दी गई है और अब तक 31 RTPCR टेस्ट किए जा चुके हैं। 15 बेड वाला ICU पूरी तरह से तैयार है और स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।
DKS में अभी तक कोई विशेष निर्देश नहीं, टेस्टिंग भी बंद
DKS अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट हेमंत शर्मा के मुताबिक, उन्हें कोविड को लेकर कोई स्पेशल एडवाइजरी नहीं मिली है, इसलिए टेस्टिंग और विशेष व्यवस्था अब तक शुरू नहीं हो सकी है।
रायपुर में बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट, चिंता बढ़ी
रायपुर में कोविड के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है। PM-CARES फंड से बनाए गए DKS, अंबेडकर और आयुर्वेदिक कॉलेज के ऑक्सीजन प्लांट दो साल से बंद पड़े हैं। DKS अस्पताल ने बीते दो सालों में ऑक्सीजन सिलेंडर पर लगभग 3.84 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जिसमें से हर महीने करीब 16 लाख रुपए सिर्फ सिलेंडर पर खर्च हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर वे तुरंत टेस्ट कराएं और जरूरी सावधानियां बरतें।