रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा का रजत जयंती समारोह: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं – ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’, नक्सलवाद खत्म होने की ओर, विकास और महिला सशक्तिकरण पर दिया जोर

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह का आयोजन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत सहित सभी विधायक मौजूद रहे।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरुआत “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” से की, जिससे पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। उन्होंने छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और जनता की सराहना करते हुए इस अवसर का हिस्सा बनने पर खुशी जताई।
विधानसभा अनुशासन की मिसाल
राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की अनुशासनप्रियता की तारीफ करते हुए कहा कि यह देश की उन चुनिंदा विधानसभाओं में शामिल है, जहां कभी मार्शल का उपयोग नहीं हुआ। उन्होंने विधानसभा के उस नियम को भी सराहा, जिसमें सदस्यों के वेल में प्रवेश करने पर स्वचालित निलंबन का प्रावधान है।
महिला सशक्तिकरण और विकास पर जोर
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक होने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने महिला विधायकों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें महिलाओं के हित में प्रभावी नीतियां बनाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मिनीमाता के योगदान को भी याद किया।
औद्योगिक विकास और पर्यावरण संतुलन पर विचार
राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक संभावनाओं पर बात करते हुए कहा कि यह राज्य खनिज संपदा, सीमेंट और प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध है। उन्होंने विकास के साथ पर्यावरण संतुलन बनाए रखने पर भी जोर दिया।
नक्सलवाद पर निर्णायक लड़ाई का दावा
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह समस्या अब निर्णायक चरण में पहुंच चुकी है। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही नक्सल प्रभावित जिले विकास के नए मार्ग पर अग्रसर होंगे।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा के ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सांस्कृतिक संबंधों की बात करते हुए कहा कि दोनों राज्यों का ऐतिहासिक जुड़ाव गहरा है। उन्होंने भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि वे केवल ओडिशा के नहीं, बल्कि सभी के भगवान हैं।
छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की कामना
अपने संबोधन के अंत में राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ की जनता के सुखद भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वे कई बार इस राज्य का दौरा कर चुकी हैं और इसे लेकर उनके मन में विशेष लगाव है। उन्होंने अपने भाषण का समापन “जय भारत, जय छत्तीसगढ़” के उद्गार के साथ किया।