2100 करोड़ के शराब घोटाले में कारोबारी विजय भाटिया को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, याचिका खारिज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में चर्चित 2100 करोड़ रुपए से अधिक के शराब घोटाले में फंसे कारोबारी विजय भाटिया को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। शराब व्यापारी विजय भाटिया ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को लेकर रिट याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने खारिज कर दिया।
गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। विजय भाटिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने पैरवी की। उन्होंने याचिका में तर्क दिया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बिना समन के विजय भाटिया को गिरफ्तार किया, जो कानून का उल्लंघन है।
वहीं ACB की ओर से अधिवक्ता सौरभ पांडे ने दलील दी कि आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है और इस बीच एजेंसी ने करीब 300 गवाहों से पूछताछ और ठोस सबूत जुटाए हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ED ने 31 मई 2025 को भाटिया को पूछताछ के बाद ACB को सौंपा था और नियमानुसार अगले दिन यानी 1 जून को रायपुर में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने विजय भाटिया की याचिका को खारिज कर दिया।
विदेश भागने की तैयारी में था विजय भाटिया
गौरतलब है कि EOW ने विजय भाटिया को 31 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। आरोप है कि वह अपने परिवार के साथ विदेश भागने की तैयारी में था। इससे पहले ही उसे पकड़ लिया गया। जांच एजेंसियों के मुताबिक, शराब घोटाले की जांच में यह सामने आया है कि भाटिया और एक अन्य कारोबारी बंसल के खातों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के खातों में बड़ी धनराशि ट्रांसफर हुई है।
विदेशी शराब सप्लाई के बदले करोड़ों की कमाई
EOW की जांच में यह भी सामने आया है कि विजय भाटिया ने एक विदेशी कंपनी की शराब सप्लाई कर 15 करोड़ रुपए से ज्यादा का कमीशन लिया। घोटाले की रकम से उसने कई जगह प्रॉपर्टी में निवेश किया है। फिलहाल ACB-EOW इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है कि घोटाले का पैसा किन-किन लोगों और राजनेताओं तक पहुंचा है।
यह मामला राज्य के सबसे बड़े आर्थिक घोटालों में से एक माना जा रहा है और आने वाले दिनों में इसमें और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।