8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ा संकेत: सैलरी बढ़ोतरी का तरीका बदलेगा, फिटमेंट फैक्टर पर अभी फैसला नहीं

नई दिल्ली। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स में सैलरी बढ़ोतरी को लेकर चल रही अटकलों पर अब सरकार ने बड़ा और स्पष्ट संकेत दिया है। सरकार ने कहा है कि 8वां वेतन आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए खुद की नई पद्धति और प्रक्रिया तय करेगा। यानी वेतन बढ़ाने का फॉर्मूला पहले के वेतन आयोगों से अलग हो सकता है।
दरअसल, 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन के बाद से ही सोशल मीडिया पर फिटमेंट फैक्टर, सैलरी हाइक और एरियर को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि, सरकार के ताजा बयान से साफ हो गया है कि इन अटकलों पर अभी भरोसा करना जल्दबाजी होगी।
लोकसभा में सरकार का बयान
8 दिसंबर 2025 को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि, “8वां सेंट्रल वेतन आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए स्वयं की कार्यप्रणाली और प्रक्रिया तय करेगा।” यह जवाब उस प्रश्न पर दिया गया था, जिसमें वेतन आयोग के काम में देरी और कर्मचारियों-पेंशनर्स की शिकायतों पर सरकार के रुख को लेकर सवाल पूछा गया था।
कर्मचारियों और पेंशनर्स की प्रमुख मांगें
8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) सामने आने के बाद कर्मचारी संगठनों और पेंशनर्स ने कई मांगें रखी हैं, जिनमें प्रमुख रूप से—
- महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज करना
- पेंशनर्स के लिए स्पष्ट प्रावधान
- 1 जनवरी 2026 से सिफारिशें लागू करना
- अंतरिम राहत (Interim Relief) की घोषणा
हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि इन सभी मुद्दों पर अंतिम फैसला 8वां वेतन आयोग ही करेगा।
कब तक आएंगी सिफारिशें?
विशेषज्ञों का मानना है कि 8वां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट सौंपने में करीब 18 महीने का समय ले सकता है। यानी कर्मचारियों और पेंशनर्स को अभी अंतिम फैसले के लिए इंतजार करना होगा।
नया फॉर्मूला क्यों है अहम?
यह पहला मौका नहीं है जब वेतन आयोग ने पुरानी व्यवस्था में बदलाव किया हो। 7वें वेतन आयोग ने भी रनिंग पे बैंड और ग्रेड पे सिस्टम को खत्म कर पे मैट्रिक्स लागू किया था और भत्तों की पूरी संरचना बदल दी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि 8वां वेतन आयोग भी सैलरी बढ़ोतरी के लिए नया फॉर्मूला ला सकता है।
फिलहाल, कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए यही सलाह है कि सोशल मीडिया पर चल रही अटकलों से दूर रहें और वेतन आयोग की आधिकारिक सिफारिशों का इंतजार करें।



