जगदलपुर के बीईओ मानसिंह भारद्वाज सस्पेंड — युक्तियुक्तकरण में भारी गड़बड़ी, वरिष्ठ को बना दिया कनिष्ठ, भ्रामक रिपोर्ट पर गिरी गाज

रायपुर, 06 जून 2025 – बस्तर जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही और भ्रामक जानकारी देने के मामले में खण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) जगदलपुर मानसिंह भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बस्तर संभाग के कमिश्नर डोमन सिंह के अनुमोदन पर प्रभारी कलेक्टर प्रतीक जैन द्वारा की गई।
क्या है पूरा मामला?
युक्तियुक्तकरण (Rationalization) की जिला स्तरीय प्रक्रिया के दौरान मानसिंह भारद्वाज पर विकासखंड जगदलपुर से गलत और भ्रामक जानकारी देने के आरोप लगे। जांच में सामने आया कि नगरनार स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कनिष्ठ शिक्षक को वरिष्ठ और वरिष्ठ शिक्षक को कनिष्ठ बताकर प्रस्तुत किया गया। यही नहीं, विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (हिन्दी माध्यम), सेजेस, जगदलपुर में ई संवर्ग की शाला को टी और ई दोनों संवर्ग में रिक्त पदों सहित दर्शाया गया, जो नियमों के खिलाफ है।
वरिष्ठता निर्धारण और पद विवरण में भी गड़बड़ी
जांच में यह भी पाया गया कि वरिष्ठता निर्धारण, स्वीकृत पदों और रिक्त पदों की जानकारी में भी कई विसंगतियां थीं। ये सब जानकारियां शासन की तय प्रक्रिया के विरुद्ध थीं और इससे विभागीय कार्य में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई।
नियमों का उल्लंघन, तत्काल निलंबन
मानसिंह भारद्वाज की कार्यप्रणाली न केवल राज्य शासन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन मानी गई, बल्कि यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 तथा सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम, 1966 का भी स्पष्ट उल्लंघन था। इन्हीं गंभीर त्रुटियों के आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि में कहां रहेंगे?
निलंबन की अवधि में मानसिंह भारद्वाज का मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, जगदलपुर नियत किया गया है। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।
प्रशासन सख्त, भविष्य में और कार्रवाई संभव
प्रशासन का यह कड़ा रुख साफ संकेत देता है कि युक्तियुक्तकरण जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो अन्य विकासखंडों में भी जांच तेज़ कर दी गई है और यदि ऐसे ही मामले सामने आते हैं, तो और भी अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।